Move to Jagran APP

हादसों के मेनहोल में जिदगी का सौदा, पालिका प्रशासन बेपरवाह

जलते कागज डाल चेक करते हैं जहरीली गैस की मौजूदगी शर्ट बनाई खतरे का संकेतक बांस की बल्ली से मापते हैं सीवर की गहराई ठेकेदार और पालिका प्रशासन बेपरवाह।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 10:03 PM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 06:21 AM (IST)
हादसों के मेनहोल में जिदगी का सौदा, पालिका प्रशासन बेपरवाह
हादसों के मेनहोल में जिदगी का सौदा, पालिका प्रशासन बेपरवाह

मैनपुरी, जागरण संवाददाता। 80 करोड़ रुपये की लागत से शहर में बिछाई गई सीवर लाइन की सफाई में लापरवाही बरती गई। बरसात से पहले सफाई नहीं कराई गई। अब बैक फ्लो की स्थिति देख हादसों के मेनहोल में जान खतरे में फिर डाली जा रही है। बगैर सुरक्षा उपकरणों के ही कर्मचारियों को गहरे मेनहोल में रस्सियों के सहारे उतारा जा रहा है। न तो गैस मास्क दिए गए हैं और न ही लाइफ सेविग जैकेट और टॉर्च।

loksabha election banner

शनिवार को गोला बाजार में मेनहोल की सफाई का काम शुरू कराया गया। पालिका की ओर से सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए। ऐसे में सफाई कर्मी ने अपनी लाल रंग की शर्ट को उतारकर उसे एक लकड़ी पर टांग मेनहोल के ढक्कन पर लगा रहे हैं, ताकि ट्रैफिक रुक सके। गहराई में उतरने से पहले सफाई कर्मी कागज जलाकर मेनहोल में डाल रहे हैं, ताकि जहरीली गैस की जानकारी हो सके। कागजों के न बुझने पर कर्मचारी कमर पर रस्सा बांध और बांस से उसकी गहराई माप रहे हैं। सब कुछ ठीक होने पर ही वे अंदर घुसकर सिल्ट निकालना शुरू कर रहे हैं। एक नजर में पालिका की स्थिति

शहर में सीवर के मेनहोल - 10700

सफाई को चिन्हित मेनहोल - 1500

उपकरण - एक सीवर जैटिग मशीन, सक्शन पंप, दो पंप सेट, 3 सीवेज पंप। ये हैं मानक

- सीवर के मेन होल की सफाई के लिए उतरने वाले कर्मचारी को लाइफ सेविग जैकेट के अलावा गैस मास्क उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

- सफाई कर्मचारियों को सेफ्टी बेल्ट से बांधकर सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में गहराई में भेजा जाना चाहिए।

- हाथ और पैरों की सुरक्षा के लिए ग्लव्स और गमबूट दिए जाने चाहिए।

- सीवर के अंदर अंधेरे में देखने के लिए टॉर्च भी उपलब्ध कराई जाती है।

- मेनहोल के अंदर मौजूद जहरीली गैसों को निकालने के लिए हाइस्पीड गैस एक्जास्ट फैन के साथ कर्मचारी के मुंह पर मास्क होना चाहिए। बिना गैस मास्क गहराई में उतारे कर्मचारी

सीवर लाइन जमीन की ऊपरी सतह से लगभग 20 से 40 फुट की गहराई में स्थित है। लगातार गंदगी बहने और जमीन के अंदर होने के कारण इसमें मीथेन गैस बनती है। यह एक रंगहीन और गंधहीन गैस है। कचरे के सड़ने के कारण अमोनिया गैस भी बनती है। इस गैस को महसूस नहीं किया जा सकता है। गहरे सीवर के अंदर यदि ये गैस हैं और कोई सफाई कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण गहराई में उतरता है तो गैस की चपेट में आने से उसकी जिदगी खतरे में पड़ सकती है। शनिवार को ऐसे काम में तमाम कर्मचारियों को ठेकेदार ने सीवर लाइन में उतारा।

-

'हर पहलू पर ध्यान रखा जाएगा। कर्मचारियों के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने को ठेकेदारों को निर्देश दिए गए हैं। किसी की जिदगी से खिलवाड़ नहीं किया जाएगा।'

लालचंद भारती, अधिशासी अधिकारी

नगर पालिका।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.