जरूरत से ज्यादा उर्वरक, किसान देंगे निजी ब्योरा
मनमाने तरीके से उर्वरकों की बिक्री करने वाले विक्रेताओं पर अब शिकंजा कसेगा। उर्वरक विक्रेता 10 बोरी से अधिक यूरिया अथवा डीएपी की खरीद करने वाले किसानों का निजी ब्योरा रखेंगे। जोत बही जैसे रिकार्ड को लेने के बाद ही किसान को खाद उपलब्ध कराया जाएगा। जिले के 20 बड़े उर्वरक खरीदारों की जांच का काम भी जारी रहेगा। पाश मशीन के बिना खाद बिक्री पर लाइसेंस निलंबित होगा।
जासं, मैनपुरी: मनमाने तरीके से उर्वरकों की बिक्री करने वाले विक्रेताओं पर अब शिकंजा कसेगा। उर्वरक विक्रेता 10 बोरी से अधिक यूरिया अथवा डीएपी की खरीद करने वाले किसानों का निजी ब्योरा रखेंगे। जोत बही जैसे रिकार्ड को लेने के बाद ही किसान को खाद उपलब्ध कराया जाएगा। जिले के 20 बड़े उर्वरक खरीदारों की जांच का काम भी जारी रहेगा। पाश मशीन के बिना खाद बिक्री पर लाइसेंस निलंबित होगा।
अब शासन स्तर पर आवश्यकता से अधिक मात्रा में यूरिया और डीएपी की खरीद करने वाले किसानों और बगैर प्रमाणीकरण किसी एक किसान को 10 बोरी से अधिक उर्वरक की बिक्री करने वाले विक्रेताओं की समीक्षा की जा रही है। गत दिनों हुई समीक्षा के दौरान अत्यधिक बिक्री करने वाले उर्वरक विक्रेताओं और जिले के 20 किसानों को चिह्नित कर नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, जिसमें गांव के दूसरे किसानों की खाद लेने और एक ही नाम पर इसे दर्ज करने की बात सामने आई।
वहीं उर्वरक खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया पर और अधिक सख्ती करते हुए कृषि विभाग ने नया नियम लागू किया है। विक्रेताओं को 10 बोरी से अधिक डीएपी की खरीद करने वाले किसानों का मोबाइल नंबर, आधार कार्ड की प्रति और मूल निवास का पता के अलावा खतौनी संख्या अंकित करने के लिए एक रजिस्टर बनाने के निर्देश दिए हैं।
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उर्वरक विक्रेताओं की हो चुकी जांच-
किसानों को मनमाना उर्वरक देने वाले जिले के बीस किसान और विक्रेताओं की जांच पूर्व में भी प्रशासन और कृषि विभाग कर चुका है। ऐसे दुकानदारों को नोटिस भी दिए गए थे। वहीं, प्रशासन ने अभियान चलाकर इनकी जांच की, नमूने भी भरे थे।
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सर्वाधिक यूरिया खरीदने वालों का होगा सत्यापन-
जिले में यूरिया खरीद को लेकर कृषि विभाग की सत्यापन कार्रवाई चलती रहेगी। सत्यापन के दौरान जमीन के दस्तावेज और आधार आदि का मिलान किया जाएगा। मौजूदा स्टाक का सत्यापन, ओवररेटिग के बारे में भी जानकारी ली जाएगी।
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बिना कागजात खाद देने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई होगी। स्टाक और पाश मशीन में अंतर मिलने पर अब तक चार विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं।
डा. सूर्य प्रताप सिंह,
जिला कृषि अधिकारी