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विश्व हृदय दिवस : यहां तो बढ़ता जा रहा दिल का दर्द

मैनपुरी : ये जिला अस्पताल है। हाइटेक सुविधाओं से लैस अस्पताल के हृदय रोग विभाग का हाल देखि

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Sep 2017 10:43 PM (IST)Updated: Thu, 28 Sep 2017 10:43 PM (IST)
विश्व हृदय दिवस : यहां तो बढ़ता जा रहा दिल का दर्द
विश्व हृदय दिवस : यहां तो बढ़ता जा रहा दिल का दर्द

मैनपुरी : ये जिला अस्पताल है। हाइटेक सुविधाओं से लैस अस्पताल के हृदय रोग विभाग का हाल देखिए। चार बिस्तरों वाला आइसीयू कक्ष तो बना है लेकिन दो वर्षों से दिल का हाल बताने वाले विशेषज्ञ की कुर्सी ही खाली पड़ी है। तबादले के बाद से आज तक शासन द्वारा किसी भी हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं कराई गई। स्थिति यह है कि नर्सों द्वारा ईसीजी कर मरीजों को सांत्वना देकर वापस भेज दिया जाता है। न दवा है और न ही व्यवस्था।

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जिला अस्पताल में सघन ह्रदय रोग विभाग है। परिसर में चार बिस्तरों वाला आइसीयू में मरीजों को राहत पहुंचाने की हर सुविधा मौजूद है। लेकिन, दो वर्षों से यहां किसी भी मरीज का उपचार नहीं किया गया। यहां तैनात रहे ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. रवींद्र प्रकाश मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद से उनकी कुर्सी खाली पड़ी हुई है। शासन स्तर से भी यहां किसी विशेषज्ञ की तैनाती नहीं कराई गई। स्थिति यह है कि अस्पताल में प्रतिदिन दिल की समस्याओं से जुडे़ मरीज आते हैं। ज्यादातर को फिजीशियन सामान्य उपचार देकर राहत पहुंचाते हैं लेकिन गंभीर मरीजों को ईसीजी की सलाह दी जाती है। बेहतर उपचार के नाम पर विभाग में तैनात प्रशिक्षित नर्सों द्वारा सिर्फ मरीजों की ईसीजी कर उन्हें उनकी स्थिति समझाकर विशेषज्ञ से सलाह लेने को कहा जाता है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके उपाध्याय का कहना है कि अस्पताल प्रशासन द्वारा कई पत्र लिखे गए हैं। निरीक्षण पर आने वाले प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों से भी गुहार लगाई गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारे पास जो भी उपचार संभव है, उससे मरीजों को राहत देने का प्रयास करते हैं।

आज तक भर्ती नहीं हुआ एक भी मरीज: हृदय रोग विभाग में स्थित आइसीयू में आज तक एक भी मरीज भर्ती नहीं किया गया। नविभाग के ही जिम्मेदार ने बताया कि यहां हर प्रकार की आधुनिक मशीनें लगी हुई हैं। लेकिन, एक भी मशीन का उपयोग नहीं किया गया। कुछ समय पहले ही मंगाया गया कंप्यूटर सिस्टम भी रखे-रखे खराब हो गया। मरीजों को भर्ती किए जाने का भी कोई रिकॉर्ड नहीं है।


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