स्वच्छता की ली शपथ, हरियाली गायब
एक ओर जिला अस्पताल प्रशासन स्वच्छता की शपथ ले रहा है और दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण के लिए ली गई सौगंध भूल गया है। अस्पताल में दो साल पहले रखवाए गए 200 गमले गायब हो गए हैं।
मैनपुरी : एक ओर अस्पताल प्रशासन स्वच्छता की शपथ ले रहा है और दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण को दो साल पहले ली गई सौगंध किसी को याद नहीं है। पर्यावरण संरक्षण के तहत रखवाए गए 200 गमले भी गायब हैं।
वर्ष 2015-16 में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दुष्यंत कुमार त्यागी के कार्यकाल में पर्यावरण संरक्षण की मुहिम के तहत लगभग 200 गमलों की खरीदारी कराई गई थी। इनमें शो-प्लांट के अलावा फूलदार पौधे रोपित करा उन्हें परिसर में प्रत्येक कक्ष के बाहर और गैलरी में रखवाया गया था। यहां आने वाले मरीजों को भी पर्यावरण संरक्षण के संबंध में समझाया जाता था। देखरेख की जिम्मेदारी की चिकित्सकों और कर्मचारियों ने शपथ ली थी। लेकिन, कुछ ही महीनों बाद सीएमएस के तबादले के साथ गमले भी गायब हो गए।
अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि पौधों के साथ एक गमले की कीमत लगभग 300 रुपये थी। इस हिसाब से 60 हजार रुपये का सरकारी भुगतान भी किया गया था। लेकिन, अब अस्पताल परिसर में एक भी गमला नजर नहीं आता। छह गमले तो आयुष चिकित्सालय के एक कमरे में महीनों से रखे हुए हैं। 'गमले तो मंगवाए गए थे। लेकिन ये त्यागी जी के समय की बात है। भुगतान भी हुआ है। जानकारी की जाएगी, कि इनकी देखरेख और सुरक्षा की जिम्मेदारी किसे सौंपी गई थी। यदि गमले सुरक्षित हैं तो उनमें दोबारा पौधरोपण करा परिसर में रखवाया जाएगा।'
डॉ. आरके सागर
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
जिला चिकित्सालय, मैनपुरी।