Move to Jagran APP

दवाओं की किल्लत ने घटाई मरीजों की संख्या

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : पिछले चार महीनों से जीवनरक्षक दवाओं की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल अब बुर

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 12:13 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 12:13 AM (IST)
दवाओं की किल्लत ने घटाई मरीजों की संख्या
दवाओं की किल्लत ने घटाई मरीजों की संख्या

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : पिछले चार महीनों से जीवनरक्षक दवाओं की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल अब बुरे दौर से गुजर रहा है। दवाओं की किल्लत ने मरीजों की संख्या पर बुरा असर डाला है। पंजीकरण काउंटर पर 50 फीसद मरीजों की कमी आई है। जहां पिछली साल जून के महीने में 1800 से दो हजार मरीज पंजीकरण कराते थे, वहीं अब मात्र 800 से नौ सौ मरीज ही रह गए हैं। मरीजों की कमी से अस्पताल की रोगी कल्याण निधि का ग्राफ भी गिर गया है।

loksabha election banner

महाराजा तेज ¨सह जिला चिकित्सालय में मार्च 2018 से दवाओं की किल्लत है। संरक्षित स्टॉक से किसी तरह मरीजों का उपचार कर रहे अस्पताल प्रशासन के सामने अब स्थितियां बदतर होने लगी हैं। दवाओं की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि अस्पताल से मरीजों ने दूरी बना प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर दिया है। बदतर हालातों की कहानी पंजीकरण काउंटर ही बयां कर रहा है।

वर्ष 2017 में जून में लगभग दो हजार से लेकर 2100 तक मरीजों का पंजीकरण होता था। ओपीडी में संक्रामक बीमारी के उपचार के लिए मरीजों की भीड़ लगी रहती थी, लेकिन अब मरीज गायब हैं। शुक्रवार को दिन भर में मात्र 823 नए मरीजों ने ही पंजीकरण कराया। उपचार के अभाव में मरीज प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम का रुख कर रहे हैं।

पैरासिटामोल है नहीं, बाहर से मंगाई जा रही आरएल

जिला अस्पताल में सामान्य मानी जाने वाली पैरासिटामोल टेबलेट तक नहीं है। 18 मई को अस्पताल प्रशासन ने पांच लाख टेबलेट उपलब्ध कराने की मांग की थी जो अब तक नहीं मिलीं। 18 अप्रैल से आरएल (¨रगर लेक्टेट) की 15,000 बोतलें, डीएनएस की 10 हजार बोतलें और एनएस (नॉर्मल सेलाइन) की पांच हजार बोतलों का मांगपत्र भेजा जा रहा है। इसके अलावा दो-दो लाख सिप्रोफ्लॉक्सासिन और मेट्रोजिल टेबलेट के साथ पांच हजार मेट्रोजिल इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 18 मई को मांगपत्र भेजा था। इतना ही नहीं 20 अप्रैल को एआरवी इंजेक्शन की दो हजार बाइलों के साथ पांच हजार एविल इंजेक्शन, 25-25 हजार रेनिटिडिन और जेंटामाइसिन इंजेक्शन तथा 10 हजार सेफाडॉक्सिम (25) इंजेक्शन की मांग गई थी। लेकिन, अब तक इनमें से कोई दवा नहीं भेजी गई है। एक लाख डाइसाइक्लोमिन और दो लाख कैल्शियम की टेबलेट की मांग किए गए दो महीने बीत गए हैं। बच्चों के लिए सिफाडॉक्सिम सिरप की 15 हजार बोतलें मांगी गई हैं। 10 लाख टेबलेट विटामिन बी-कॉम्पलेक्स, 10 लाख सिटरजिन टेबलेट के अलावा पांच हजार डेक्सट्रोज पांच प्रतिशत इंजेक्शन के लिए भी 18 और 20 अप्रैल को मांगपत्र भेजे गए। लेकिन, अब तक शासन द्वारा मांगपत्रों पर कोई गौर नहीं किया गया है।

एक नजर मरीजों की कमी पर

तारीख- पंजीकरण संख्या

19 जून -980

20 जून -922

21 जून -877

22 जून -823 अधिकारी कहिन

लगभग एक करोड़ रुपये की पुरानी बकायेदारी होने के कारण कंपनियों द्वारा दवा की आपूर्ति नहीं की जा रही है। अगर, शासन स्तर से बजट स्वीकृत किया जाए तो कंपनियों का कर्ज चुकाकर मांगपत्र वाली दवाओं को मंगाया जाए। अभी आश्वासन मिला है कि रविवार शाम तक आरएल और डीएनएस के अलावा दूसरे फ्लुड उपलब्ध कराए जाएंगे। हमारी प्राथमिकता भी फ्लुड पर ही है क्योंकि विपरीत मौसम में मरीजों को यही सबसे पहले चढ़ाए जाते हैं।

डॉ. आरके सागर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, मैनपुरी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.