Move to Jagran APP

डाक्टर के पर्चे के बगैर बिक रहीं प्रतिबंधित दवाएं

जासं मैनपुरी नियम है कि प्रतिबंधित और लाइफ सेविग ड्रग को बिना डाक्टर के पर्चे के नहीं बे

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 06:10 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 06:10 AM (IST)
डाक्टर के पर्चे के बगैर बिक रहीं प्रतिबंधित दवाएं
डाक्टर के पर्चे के बगैर बिक रहीं प्रतिबंधित दवाएं

जासं, मैनपुरी: नियम है कि प्रतिबंधित और लाइफ सेविग ड्रग को बिना डाक्टर के पर्चे के नहीं बेचा जा सकता, लेकिन जिले में ज्यादातर मेडिकल स्टोर संचालक नियमों को ताक पर रखकर कारोबार कर रहे हैं। नींद की टेबलेट के नाम पर लोपेज-2 2एमजी की सबसे ज्यादा बिक्री हो रही है। जिला अस्पताल के सर्जन डा. गौरव पारिख का कहना है कि इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान कई ऐसे मरीज आते हैं जो नींद न आने और हमेशा माइग्रेन की शिकायत बताते हैं। पूछताछ में जब दवाओं की बात आती है तो ज्यादातर मरीज बिना किसी चिकित्सक की सलाह के इस दवा का सेवन करने की बात स्वीकारते हैं। इससे शरीर के आंतरिक अंगों पर बुरा असर पड़ता है। चिकित्सक का कहना है कि यह नींद की दवा का डोज मरीज की वास्तविक स्थिति पर निर्भर करता है। यदि मनमाने ढंग से इसका सेवन किया जाए तो लिवर पर भी असर पड़ता है।

loksabha election banner

क्या-क्या हो सकते हैं नुकसान

बगैर डाक्टर की सलाह के ली गई दवाओं से एलर्जी होती है। जिसमें शरीर पर दाने आना, चकते पड़ना, उल्टी आना, चक्कर आना आदि परेशानी होती हैं।

नींद की दवा का बगैर किसी बीमारी के सेवन करना शरीर के आंतरिक अंगों पर असर डालता है।

मनमाने ढंग से एंटी एलर्जिक, एंटी बायोटिक और स्वास्थ्यवर्धक कैप्सूल या दवाओं का असर नर्वस सिस्टम पर भी पड़ सकता है।

एफडीसी के तहत बंधी हैं दवा कंपनियां: केमिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के जिला मंत्री विनय सक्सेना का कहना है कि सभी दवा कारोबारी एफडीसी (फिक्सड डोज कांबिनेशन) के नियमों से जुडे़ हैं। इसमें दवाओं से जुड़ी सभी नियमावली होती हैं, जिनका पालन प्रत्येक दुकानदार को करना ही होगा। सिर्फ वही दवाएं बेची जा सकती हैं जिनमें रैपर में दवा से जुडे़ साल्ट और अन्य जानकारियां दर्ज हैं।

बिना डाक्टरी सलाह के न लें ये दवाएं:

पेनडर्म, माइकोफर्म और मेक्लोमा-टी, इनमें मौजूद क्लोबेटासाल तेज स्टीरायड होता है। इसे डाक्टर की सलाह के बगैर नहीं बेचा जा सकता, लेकिन पैनडर्म खुलेआम बिकती है। इसे गोरा बनाने वाली क्रीम बताकर बेचा जाता है। त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. गौरांग गुप्ता का कहना है कि लंबे समय तक इसका इस्तेमाल त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।

डोलोमाइड, सूमो और एन-प्लस, दर्द निवारक ये दवाएं जोड़ों के दर्द के नाम पर बेची जाती हैं। इनमें निमुस्लाइड होता है जो 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित है।

रिलीफ और एल्कोल्ड नामक टेबलेट को सर्दी या जुकाम के उपचार के लिए बेचा जाता है। इनके मनमाने इस्तेमाल से एलर्जी, तेज बुखार के साथ पेट की समस्या बन सकती है। दिल के मरीजों और मधुमेह के रोगियों को बिना डाक्टर की सलाह के इनका सेवन नहीं करना चाहिए। मनमानी दवा हो सकती हैं जानलेवा: अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. जेजे राम का कहना है कि कई लोगों की आदत होती है कि वे बुखार, सिर दर्द और अन्य सामान्य समस्याओं में खुद ही दुकान से दवाएं खरीदकर खा लेते हैं। यह नुकसानदेह होता है। अक्सर दवाओं का असर रिएक्शन हो जाता है। जरूरी है कि चिकित्सक से परामर्श के बाद ही दवा लें।

बिना डाक्टरी पर्चे के यदि प्रतिबंधित दवा बिक्री की जानकारी मिलती है और मामला सही पाया जाता है तो दवा विक्रेता के खिलाफ लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति भी कराई जाएगी। इसके अलावा सख्त कार्रवाई होगी। उर्मिला अग्रवाल, औषधि निरीक्षक।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.