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भरत को राजगद्दी मिलते ही वनवासी हो गए राम

आगरा रोड रामलीला मैदान में चल रही रामलीला में दशरथ प्रतिज्ञा और राम वनगमन लीला का हुआ मंचन।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 06:20 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 06:20 AM (IST)
भरत को राजगद्दी मिलते ही वनवासी हो गए राम
भरत को राजगद्दी मिलते ही वनवासी हो गए राम

जासं, मैनपुरी: रामलीला कमेटी के तत्वावधान में आगरा रोड रामलीला मैदान में चल रही रामलीला में दशरथ प्रतिज्ञा और राम वन गमन की लीला का मंचन किया गया। रामलीला का शुभारंभ कमेटी की पदाधिकारियों ने भगवान के स्वरूपों की आरती उतारकर किया।

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विवाह के बाद भगवान राम के सीता सहित अयोध्या लौटने के बाद खुशी का माहौल था। राम के राज्याभिषेक की तैयारी हो रही है। अचानक दासी मंथरा के कहने पर रानी कैकेयी ने राजा दशरथ से दो वरदान मांग लिए। पहला अपने पुत्र भरत को राजगद्दी और दूसरा राम को 14 वर्ष का वनवास। ये सुनते ही राजा दशरथ मूर्छित हो जाते हैं, वह कैकेयी से अपने वरदानों पर विचार करने की विनती करते हैं, लेकिन वह नहीं मानती हैं। अंत में भगवान राम वन को जाने की तैयारी करते हैं। सीता और लक्ष्मण भी राम के साथ वनगमन को तैयार होते हैं। यह देखकर राजा दशरथ मूर्छित हो जाते हैं। इसी स्थिति में राम सीता और लक्ष्मण के साथ वनों को प्रस्थान कर जाते हैं।

इस दौरान स्वामी दयानन्द बाबा जी, कमेटी उपाध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया, अशोक गुप्ता (पप्पू भइया), रमेश चंद्र सर्राफ, कोषाध्यक्ष सुरेश चंद्र बंसल बीनू, प्रशान्त मिश्रा, नरेंद्र राठौर, अमरनाथ भारद्वाज, शशांक चौहान, ठा. प्रतापभान सिंह, ओम कुमार चौहान, हाकिम राजपूत, मनोज चौहान, आदित्य जैन, शिवनंदन वर्मा, कुलदीप श्रीवास्तव, नवीन सर्राफ, राजेश गुप्ता, अंशुल चौहान, रवि श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।

भोगांव में सादगी से निकली राम बरात: संसू, भोगांव : कोरोना के प्रकोप के चलते सादगी से निकाली गई राम बारात में भगवान राम के मनोहारी स्वरूप को देखने के लिए सड़क किनारे लोग नजर आए। रथ पर विराजमान भगवान राम और गुरु विश्वामित्र, भाई लक्ष्मण की जगह-जगह आरती उतारकर प्रसाद वितरित किया गया।

रामबारात पुरानी आलू मंडी से सब्जी मंडी चौराहा, जामा मस्जिद, जैन मार्केट, पीपल मंडी, छोटा बाजार, थाना कोतवाली, घंटाघर होती हुई रामलीला मैदान पहुंची। यहां जनकपुरी में सादा समारोह में भगवान राम और सीता का विवाह कराया गया। विवाह के पश्चात जयकारों के साथ प्रसाद वितरण हुआ। बारात को बाजार में जगह-जगह रोक कर भगवान के स्वरूपों की आरती उतारी गई। इस दौरान रामलीला समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र बाबू शुक्ला, गिरजांशकर वर्मा, प्रदीप दत्त दुबे, संजय शर्मा, नरेश श्रीवास्तव, मुकेश अग्निहोत्री, नृपेंद्र शर्मा, ग्रजेश कुलश्रेष्ठ, दीपू शुक्ला, मझले शर्मा, विवेक दीक्षित, संजीव शर्मा, सौरभ दुबे, संजीव स्वर्णकार, अप्पू अंसारी मौजूद रहे।


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