आदेश के नाम पर बंद कर दी धान की खरीद
तीन दिन से टोकन लिए माल बेचने को केंद्रों पर खड़े किसान वाट्सएप पर अधिकारियों को जानकारी देने के बाद भी नहीं हुआ समाधान
जासं, मैनपुरी: शहर की नवीन मंडी में संचालित सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों से धान खरीद में मनमानी का आलम चल रहा है। किसानों से माल नहीं खरीदा जा रहा है। टोकन मिलने बाद माल लेकर आए किसान तीन दिन से केंद्रों पर कड़कड़ाती ठंड में धान खरीदे जाने का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों को सोशल मीडिया के जरिये संदेश भेज रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं निकल रहा है। केंद्रों पर कर्मचारी ऊपरी आदेश से खरीद बंद होने की कहकर किसानों को टहला रहे हैं।
यह केवल दो किसानों का दर्द नहीं है, बल्कि नवीन मंडी के सरकारी क्रय केंद्रों पर गुरुवार सुबह ऐसे और भी किसान मिले, जो दो-तीन से टोकन मिलने के बाद धान लेकर आए हैं, लेकिन उनका माल नहीं खरीदा जा रहा है। ऐसे किसान मंडी में मोटे धान की कम कीमत मिलने से क्रय केंद्रों पर खरीद होने के इंतजार में दिन-रात डेरा डाले हैं।
मंडी में संचालित आरएफसी के क्रय केंद्र पर भी बुधवार को टोकन मिलने के बाद आए किसानों से धान नहीं खरीदा गया। पंजीकरण में विलंब होने का बहाना बताकर किसानों को पहले तो इंतजार कराया, इसके बाद ऊपरी आदेश से खरीद बंद होने की बात कहकर किसानों को मायूस कर दिया।
वाट्सएप का ले रहे सहारा
मंडी के सरकारी क्रय केंद्रों पर टोकन मिलने के बाद धान की खरीद नहीं होने से परेशान किसान समस्या के समाधान को जिले के आला अफसरों के सीयूजी नंबरों पर संचालित वाट्सएप के जरिये अपनी पीड़ा पहुंचा रहे हैं, लेकिन आश्वासन के सिवाय उनको कुछ नहीं मिल रहा। अधिकारी अपने से छोटे को इसके लिए कार्रवाई करने को निर्देश देने की कहकर बच रहे हैं। गांव झिझाई के धर्मवीर ने बताया कि वह बुधवार रात आठ बजे अधिकारियों को वाट्सएप से समस्या बताते रहे, लेकिन गुरुवार दोपहर तक समस्या का हल नहीं निकला।
सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीद जारी है। किसानों को टोकन जारी होने के बाद धान खरीदा जा रहा है। एफसीआइ के केंद्र पर मनमानी होने की जानकारी नहीं है। मौके पर जांच कर धान खरीदवाया जाएगा। उदित सिंह, जिला खाद्य विपणन अधिकारी।
केस एक: गांव नसीरपुर के कृष्ण कुमार को 11 दिसबंर को 49 कुंतल माल खरीदने का टोकन मिला। मंडी में संचालित एफसीआइ के क्रय केंद्र से खरीद होने को फोन आने पर वह माल लेकर आ गए। अब पहले दिन तो यहां तैनात कर्मचारी माल तुलवाने की बात करते रहे, बाद में अगले दिन की बात करने लगे। 16 दिसंबर को ऊपर से खरीद बंद होने की बात कहकर धान नहीं खरीदा गया। गुरुवार को वह दोपहर तक धान खरीदे जाने की उम्मीद में केंद्र के सामने बैठे हुए थे।
केस दो: गांव जगतपुर के किसान विश्राम सिंह ने क्रय केंद्र पर धान खरीदने को पंजीकरण कराया तो एक महीने पहले उनको आठ दिसंबर को माल बेचने का टोकन मिला। केंद्र से फोन आने के बाद वह 14 दिसंबर को एफसीआइ के क्रय केंद्र पर आए तो अगले दिन खरीद को कह दिया। इस दिन इंतजार के बाद 16 को ऊपरी आदेश से खरीद बंद होने की बात कहकर टहला दिया गया। इसके बाद वह कड़कड़ाती ठंड में अगले दिन धान बिकने की उम्मीद में वहीं रुक गए। गुरुवार दोपहर तक उनका धान नहीं खरीदा जा सका था।