आनलाइन पढ़ाई ने घटाई लिखने की गति
कोरोना महामारी के कारण बंद हुए स्कूल और आनलाइन पढ़ाई के
मैनपुरी, जागरण संवाददाता: कोरोना महामारी के कारण बंद हुए स्कूल और आनलाइन पढ़ाई के कारण छात्रों की लिखने की गति भी मंद हो गई है। आम दिनों में जो छात्र एक मिनट में दो से तीन लाइनें लिख लेते थे, वे अब प्रति मिनट में एक से डेढ़ लाइन ही लिख पा रहे हैं। अनलाक के बाद स्कूल खुलने पर इसका पर्दाफाश हुआ। अब विद्यार्थी और शिक्षक दोनों परेशान हैं कि बोर्ड परीक्षाओं में छात्र टाइम मैनेजमेंट करते हुए उत्तर कैसे लिखेंगे।
अनलाक के बाद स्कूल खुलने पर लगभग सभी विद्यालयों ने आनलाइन-आफलाइन क्लास को जोड़ दिया गया। जब छात्र स्कूल पहुंचे और कक्षा अटैंड करते समय जब कापी पर उन्होंने लिखना शुरू किया तो वो लिख ही नहीं पाए। अंगुलियों, हाथों में दर्द, ठीक से कलम न चला पाना, लिखने की गति कम होने की समस्या हुई।
थ्योरी के विषयों में ज्यादा परेशानी- 12वीं में कला संवर्ग और थ्योरी वाले विषयों के विद्यार्थियों के लिए अब राइटिग स्पीड बढ़ाना चुनौती है। गणित, विज्ञान जैसे प्रयोगात्मक विषयों में तो छात्र प्रायोगिक और सवालों को हल करके टाइम मैनेज कर सकते हैं। लेकिन इतिहास, भूगोल, हिदी, अंग्रेजी, समाजशास्त्र जैसे विषयों में अधिक दिक्कत है। इसमें छात्रों को प्रश्नों के उत्तर लिखने होते हैं। थ्योरी के आधार पर ही अंक मिलते हैं। कलम-कापी कम, कीबोर्ड से चला काम मार्च में लाकडाउन के कुछ समय बाद सभी विद्यालयों में आनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई। पहले छात्रों को आनलाइन पढ़ाई से जुड़ने में समस्या आई। जब सिलसिलेवार आनलाइन कक्षाएं शुरू हुईं तो कीबोर्ड और स्क्रीन पर काम अधिक हुआ। कलम, कापी और लिखने का काम कम हो गया। सीमित समय के लिए कक्षाएं हुईं। होमवर्क और प्रोजेक्ट वर्क व लिखने के अन्य गतिविधियां भी नहीं हो सकी। इसका सीधा असर छात्रों की लेखन गति पर आया। - चलाएंगे राइटिग सेशन पहले जो छात्र क्लास में पांच से सात मिनट में एक पन्ना भर देता था, अब इसे लिखने में 10-12 मिनट लग रहे हैं। बोर्ड परीक्षा के रिवीजन के साथ राइटिग सेशन भी चलाएंगे।
- एससी राजपूत, प्रधानाचार्य, जीआइसी।