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नर्सिंग स्टाफ ने काम से किया इनकार, लौटे मरीज

मैनपुरी जासं। 33 संविदा पैरामेडिकल स्टाफ की सेवा समाप्त होने के बाद मंगलवार को जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठप पड़ गईं। नियमित नर्सिंग स्टाफ ने इमरजेंसी का काम संभालने से साफ इनकार कर दिया। ऐसे में जीरियाटिक वार्ड के संविदा कर्मियों को जिम्मेदारी दी गई लेकिन वे भी हाथ खडे़ कर गए। वैकल्पिक व्यवस्था को वार्डों की कमान वार्ड ब्वॉय को सौंपी गई। असुविधा की वजह से कई मरीजों को इमरजेंसी में उपचार ही नहीं मिल सका।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 11:11 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 06:09 AM (IST)
नर्सिंग स्टाफ ने काम से किया इनकार, लौटे मरीज
नर्सिंग स्टाफ ने काम से किया इनकार, लौटे मरीज

जासं, मैनपुरी : 33 संविदा पैरामेडिकल स्टाफ की सेवा समाप्त होने के बाद मंगलवार को जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठप पड़ गईं। नियमित नर्सिंग स्टाफ ने इमरजेंसी का काम संभालने से साफ इनकार कर दिया। ऐसे में जीरियाटिक वार्ड के संविदा कर्मियों को जिम्मेदारी दी गई। वे भी हाथ खडे़ कर गए। वैकल्पिक व्यवस्था को वार्डों की कमान वार्ड ब्वॉय को सौंपी गई। असुविधा की वजह से कई मरीजों को इमरजेंसी में उपचार ही नहीं मिल सका।

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जिला अस्पताल में वर्ष 2016 से संविदा पर तैनात रहे 33 पैरामेडिकल नर्सिंग स्टाफ की 30 नवंबर को सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। ऐसे में अस्पताल में कर्मचारियों का अभाव साफ नजर आ रहा है। मंगलवार को तो व्यवस्थाएं ठप दिखीं। विभिन्न वार्डों की जिम्मेदारी वार्ड ब्वॉय और वार्ड आया को सौंपी गई थी। पट्टी कक्ष में भी वार्ड ब्वॉय उपचार करते रहे। इमरजेंसी में नियमित नर्स को जिम्मेदारी दी गई लेकिन उन्होंने ड्यूटी करने से साफ इनकार कर दिया और कोई सहयोग नहीं किया।

सुबह मरीज बढ़े तो जीरियाटिक वार्ड से संविदा कर्मियों को बुलाया गया लेकिन उन कर्मचारियों ने भी मरीजों की भीड़ और अतिरिक्त कार्य देख हाथ खडे़ कर दिए। स्थिति यह रही कि शाम चार बजे तक जिस इमरजेंसी में लगभग 40 से 50 मरीज देखे जाते थे, वहां दोपहर तीन बजे तक सिर्फ 20 को ही इलाज मिल सका। ज्यादातर बगैर उपचार के ही प्राइवेट अस्पतालों में चले गए।

चिकित्सकों ने जताई चिता

इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे चिकित्सकों ने भी कर्मचारियों की कमी पर चिता जताई है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें मरीजों को उपचार देने में दिक्कत हो रही है। एक साथ कई मरीजों के आने से वे सभी को नहीं देख सकते।

ये वार्ड हुए प्रभावित

इमरजेंसी की मिनी ओटी, पूछताछ काउंटर, सेफ वार्ड, पंजीकरण काउंटर, भर्ती मरीजों के वार्ड, टीबी वार्ड, बर्न वार्ड, नेत्र रोग विभाग सहित कई वार्ड प्रभावित हुए हैं।

'नहीं किसी भी नर्स द्वारा इनकार नहीं किया गया है। कुछ दिनों की समस्या है। सभी नियमित नर्सिंग स्टाफ से सहयोग की अपील की गई है। हमारे पास जो भी स्टाफ है, उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है।'

डॉ. आरके सागर, सीएमएस।


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