शिविर लगाकर बैंकर्स बनाएं किसान क्रेडिट कार्ड
डीएम ने दिए निर्देश केसीसी नहीं बनने पर करेंगे कड़ी कार्रवाई रोजगारपरक योजनाओं में प्राथमिकता से ऋण वितरण करें बैंक
जासं, मैनपुरी: सभी बैंकर्स आगामी एक सप्ताह में तहसील और ब्लाक स्तर पर शिविर लगाकर पात्रों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाएं। किसी पात्र किसान का केसीसी बनाने में बैंकर्स आनाकानी करें तो संबंधित बैंक के शाखा प्रबंधक से संपर्क करें। यदि केसीसी न बने तो किसी भी कार्य दिवस में कलक्ट्रेट आकर शिकायत करें, दोषी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई होगी।
यह चेतावनी डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने दी। बुधवार को कलक्ट्रेट पर आयोजित बैठक में उन्होंने बैंकर्स द्वारा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में पात्रों को ऋण वितरण में की गई कार्रवाई पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बैंकर्स इसी तरह अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं में भी ऋण वितरण में रुचि लें। ताकि जरूरतमंदों को योजना का लाभ मिल सके। बैठक में सीडीओ ईशा प्रिया, पीडी एससी मिश्र, डीसीएनआरएलएम रंजीत सिंह, डीडी कृषि दुर्विजय सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी डा. इन्द्रा सिंह, उपायुक्त उद्योग मोहम्मद सऊद, जिला कृषि अधिकारी डा. गगनदीप, विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधक आदि उपस्थित रहे।
केसीसी की खराब प्रगति: डीएम ने बैंकर्स से कहा कि धनराशि जमा करने पर ही ध्यान न दें, बल्कि ऋण वितरण में भी रुचि दिखाएं। सभी बैंकों का सीडी रेशियो 60 फीसद से कम नहीं होना चाहिए।
ऋण वितरण खराब: प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 248 पत्रावलियों में से 63 स्वीकृत कर 26 पर ऋण दिया। प्रधानमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना में वार्षिक लक्ष्य 91 के सापेक्ष 307 पत्रावलियां प्रेषित की गईं। मात्र 60 स्वीकृत कर 14 पर ही ऋण दिया गया। स्पेशल कंपोनेंट प्लान में में 1240 लक्ष्य के सापेक्ष 781 पत्रावलियां बैंकों को भेजीं। 76 स्वीकृत कर मात्र 23 पर ही ऋण वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना में भी 36 के सापेक्ष 93 पत्रावलियां भेजी गईं। छह विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत की गई और तीन पर ही ऋण वितरण किया गया। जबकि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में 134 पत्रावलियों के सापेक्ष 20 स्वीकृत कर ऋण वितरण किया गया।