अवा गंगा नदी सहेजने के लिए जुटे हाथ
नारियल फोड़कर सीडीओ ने संतों की मौजूदगी में की काम की शुरुआत मनरेगा से संवरेगा नदी का सौंदर्य बरनाहल और करहल में होगा काम
मैनपुरी, जागरण संवाददाता: शंखनाद, वेदमंत्रों के साथ पूजन हुआ। नारियल फोड़ा गया तो वातावरण गंगा मां के जयकारों से गूंज उठा। सीडीओ ने फावड़ा उठाया तो सैकड़ों हाथ नदी के संरक्षण के लिए जुट गए। धार्मिक माहौल अवतरित हुआ तो ग्रामीण नदी का वैभव लौटने से रोमांचित हो उठे।
कुछ ऐसा ही माहौल शुक्रवार दोपहर बरनाहल ब्लाक के गांव भिडौरा के समीप नजर आया। अवा गंगा नदी को सहेजने के लिए सीडीओ ईशा प्रिया और पीडी एससी मिश्र, एसडीएम करहल रतन वर्मा, बीडीओ धीरेंद्र प्रताप यादव आदि अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ संतों की मौजूदगी में पूजा की। पुष्प वर्षा के साथ शंखनाद हुआ तो हर कोई नदी में अविरल पानी के लिए प्रार्थना करने लगा। सीडीओ ने चलाया फावड़ा
नदी के संरक्षण को जुटी सीडीओ ईशा प्रिया खुद भी फावड़ा चलाने से पीछे नहीें रहीं। उनके ऐसा करते ही दूसरे अधिकारी, भाजपा नेता और ग्रामीण भी फावड़ा चलाने में जुट गए। नदी को सहेजने का काम मनरेगा से हो रहा है। शिकोहाबाद से उद्गम
अवा गंगा नदी का उद्गम शिकोहाबाद से हुआ है। वहां इसको सहेजने का काम होने से पानी के साथ कचरा बरनाहल के गांव हाजीपुर सेंमरी और दूसरे गांवों के पास आ गया था, जिससे पानी के बहाव का रास्ता बंद हो गया। यह नदी मैनपुरी में खेड़ा महान आने के बाद तिरकारा, दौलतपुर, गढि़या जैन, भिडौरा से होकर करहल के बूरामई से होकर सेंगर नदी में समाहित होती है।
हो रही थी खेती
शिकोहाबाद से आया कचरा तमाम स्थानों पर जमा होने से कई गांवों के पास नदी की जमीन समतल हो जाने से किसान खेती करने लगे थे। अब संरक्षण होने से तमाम गांवों को जलभराव से मुक्ति मिलेगी।
एसडीएम ने किया शंखनाद
संसू, करहल : 40 सालों से विलुप्त अवा गंगा नदी का जीर्णोद्धार सीडीओ ईशा प्रिया के भागीरथी प्रयासों से शुरू हो सका। मां गंगा के आह्वान के साथ एसडीएम ने शंखनाद किया। कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान समेत तमाम लोग मौजूद रहे।