कोरोना से ज्यादा खतरनाक हुआ बुखार
चौंका रहे आंकड़े सात महीनों में कोरोना से 46 और एक माह में बुखार से 41 लोगों की हुई मौत।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता: भले ही कोरोना ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हो, लेकिन जिले में इसके वायरस से ज्यादा खतरनाक बुखार है। आंकडे़ चौंकाने वाले हैं। मार्च से अब तक सात महीनों में कोरोना से जिले में जहां 46 लोगों की मौत हुई थी, वहीं महीने भर के अंदर बुखार ने 41 जिदगियां लील लीं। ये वो मौतें हैं जो रिकार्ड में दर्ज हैं। बावजूद इसके बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग उतना गंभीर नजर नहीं आ रहा है। लगातार बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। सैकड़ों मरीज ऐसे हैं जो बेहतर इलाज न मिलने की वजह से गैर जिलों के प्राइवेट अस्पतालों में अपना उपचार करा रहे हैं। छह माह में 10 हजार से ज्यादा पहुंचे
जिला अस्पताल में बुखार क्लीनिक का संचालन कराया जा रहा है। इस क्लीनिक में पिछले छह महीनों में 10 हजार से ज्यादा बुखार पीड़ित मरीजों ने अपना पंजीकरण कराया है। क्लीनिक संचालित है और मरीजों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। न फागिग और न ही दवा का छिड़काव
एक कोविड पाजिटिव केस मिलने पर जिस प्रकार से सख्ती दिखाई जाती थी, बुखार से मौत के बाद भी वैसी कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। गांव तो छोड़िए, शहर में भी न फागिग कराई जा रही है और न ही मच्छरों को मारने के लिए दवा का छिड़काव हो रहा है। कालोनियों में जलभराव
कालोनियों में एक सैकड़ा से ज्यादा स्थान ऐसे हैं, जहां वर्षों से जलभराव की स्थिति बनी हुई है। निस्तारण के लिए कागजों पर स्वास्थ्य विभाग और पालिका प्रशासन का प्लान तो तैयार हुआ लेकिन पानी की निकासी के प्रयास हुए ही नहीं। बुखार से मरने वालों की संख्या
बिछवां के करीमगंज में - 19
बिछवां के अंजनी में - 05
कुरावली के फतेहजंगपुर, बैदनटोला और खेतूपुरा में - 03
कुरावली के दिबरई में - 04
मैनपुरी के नगला पजाबा में - 10
हमारे यहां बुखार के मरीजों को भर्ती करने से लेकर इलाज तक के पर्याप्त इंतजाम हैं। इमरजेंसी में भी टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। लोगों से अपील की गई है कि वे झोलाछाप से उपचार न लें।
डा. आरके सागर, सीएमएस
जिला अस्पताल।