सफल होने लगा डीएम का सोशल नेटवर्किंग फॉर्मूला
मैनपुरी जासं। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने लोगों तक प्रशासनिक पहुंच बढ़ाने के लिए सोशल नेटवर्किंग फॉर्मूला अपनाया है। फेसबुक पर अपना एकाउंट बनाकर लोगों से उनकी समस्या पूछ रहे हैं। पहल भी असर दिखा रही है। पांच दिनों में दो दर्जन से ज्यादा समस्याओं का स्थायी निस्तारण करा चुके हैं।
जासं, मैनपुरी: डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने लोगों तक प्रशासनिक पहुंच बढ़ाने के लिए सोशल नेटवर्किंग का फार्मूला अपनाया है। फेसबुक पर अपना एकाउंट बनाकर लोगों से उनकी समस्या पूछ रहे हैं। उनकी यह पहल सफल हो रही है। पांच दिनों में दो दर्जन से ज्यादा समस्याओं का स्थायी निस्तारण कराया जा सका है। सफलता के बाद अब इस सोशल नेटवर्किंग फार्मूले को मातहतों के लिए भी अनिवार्य कर दिया है।
मंगलवार सुबह 10 बजे से कार्यालय में बैठे डीएम ने दोपहर 2:20 तक फरियादियों की शिकायतों की सुनवाई की। यह पहली बार रहा, जब किसी जिलाधिकारी ने अंतिम फरियादी की सुनवाई होने तक अपनी कुर्सी नहीं छोड़ी।
ये हैं डीएम के कोड वर्ड
सिगल स्टार: शिकायतकर्ता के प्रार्थना पत्र को संबंधित विभाग के लिए अग्रसारित किया जा चुका है।
डबल स्टार: शिकायत संबंधित अधिकारी के वाट्सएप पर भेज दी गई है। शिकायत मिलने की पुष्टि दो मिनट के अंदर करनी होगी। इसके बाद अधिकारी मौके पर जाएंगे और वहां से पड़ताल की रिपोर्ट वाट्सएप पर डीएम को देंगे।
ट्रिपल स्टार: ऐसे रिमार्क वाली शिकायतों की एक कॉपी डीएम अपने पास भी रखते हैं। कभी भी सबंधित अधिकारी से इसके संबंध में पूछताछ हो सकती है।
खुलवाया दरवाजा, लगवाया वायरलेस सेट
अब से पहले जहां डीएम कार्यालय में लगभग आधा सैकड़ा फरियादी ही पहुंचते थे, वहीं यह संख्या बढ़कर दो से तीन सैकड़ा तक पहुंच गई है। खास बात यह है कि हर शिकायत पर खुद डीएम संज्ञान लेते हैं। उन्हें पढ़कर संबंधित के लिए रिमार्क करते हैं। दरवाजे पर तैनात रहने वाले पुलिस कर्मी को सख्त हिदायत है कि किसी भी शिकायतकर्ता को रोका न जाए। पुलिस से जुड़ी शिकायतों पर सीधे वायरलेस सेट से संपर्क कर उन्हें पीड़ित के साथ घटना स्थल पर पहुंचने के आदेश दिए जा रहे हैं। इससे पहले डीएम कार्यालय पर वायरलेस सेट की सुविधा नहीं थी।
हर शिकायत के लिए 24 घंटे निर्धारित
डीएम ने शिकायतों पर संज्ञान लेने के बाद उनके निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को 24 घंटे के समय का निर्धारित किया है। इस बीच संबंधित को अपनी आख्या देनी होगी। यदि कार्रवाई में समय लगेगा तो इसके लिए लिखित में संबंधित को समय सीमा बतानी होगी। निस्तारण से फरियादी का संतुष्ट होना जरूरी है।
इन विभागों के जिम्मेदार चलाते हैं वाट्सएप
सीडीओ, अपर पुलिस अधीक्षक, सीओ सिटी, डीपीआरओ, अधीक्षण और अधिशासी अभियंता विद्युत, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, अधिशासी अभियंता जल निगम, सीएमओ, सीएमएस, तहसीलदार, अधिशासी अभियंता नहर सहित अन्य विभागों के वाट्सएप ग्रुप संचालित हो रहे हैं।