मैनपुरी ने मतगणना में मारी बाजी, प्रदेश में अव्वल
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना काम शुरू होने के 17 घंटे में पूरी हो गयी
जासं, मैनपुरी:
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना काम शुरू होने के 17 घंटे में पूरी हो गयी। केवल जिला पंचायत को छोड़कर सभी पदों के परिणाम घोषित कर जिले ने प्रदेश में अव्वल नंबर हासिल कर लिया। ऐसे कमाल पर मंडलीय अधिकारियों ने शाबासी भी दी।
जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए इस बार रिकार्ड दावेदार भी मैदान में कूदे थे। बीते चुनाव में जहां 560 ग्राम पंचायत और 32 जिला पंचायत सदस्य, 7172 ग्राम पंचायत सदस्य के अलावा 799 बीडीसी सदस्य के पद थे। इस बार परिसीमन में 11 प्रधान पद, दो जिला पंचायत सदस्य पद के अलावा 38 बीडीसी, ग्राम सदस्य के 147 पद कम होने के बाद भी मतगणना दूसरे दिन के सूरज से पहले कराकर अधिकारियों ने अपनी कार्य क्षमता का लोहा मनवाया। इस बार हुए मतदान में जिले के 12.20 लाख मतदाताओं में से करीब दस लाख से ज्यादा मतदाताओं ने वोट डाले। यह फीसद 74.29 रहा, जो मंडल के सभी जिलों में सबसे ज्यादा रहा।
--
आयोग ने माना था सुझाव-
मतगणना कराने के लिए स्थानीय अधिकारियों ने राज्य निर्वाचन आयोग को प्रति न्याय पंचायत पर छह टेबल लगाने का सुझाव देते हुए इसकी अनुमति मांगी। इसके लिए प्रयास भी जोरदारी से किए तो आयोग ने इसकी अनुमति भी दी। इसके बाद जिले की सभी 80 न्याय पंचायतों में मतगणना कराने को एक साथ 480 टेबल लगाई गईं। इसी वजह से मतगणना का काम दूसरे दिन का सूरज निकलने से पहले ही कराकर प्रदेश में अव्वल स्थान पा लिया।
-
जिला पंचायत ने फंसाया पेंच-
जिले में समय से पहले कराई गई मतगणना में केवल जिला पंचायत के नतीजों ने पेंच फंसाया। मतगणना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि गणना शुरू होने के 17 घंटे में ही जिला पंचायत को छोड़कर सभी परिणाम जारी कर दिए गए थे। केवल जिला पंचायत के अधिकृत परिणाम इस प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी के मोबाइल बंद कर सोने जाने की वजह से फंसे रह गए। वैसे, वार्डवार मतगणना का परिणाम सभी जिला पंचायत सदस्य पद के दावेदारों के हाथ में रात को आ गया था।
-
सुबह मिली शाबासी-
रिकार्ड 17 घंटे में ही मतगणना का काम पूरा होने से मंडलीय अधिकारी हैरान रह गए। कैसे हुआ, किस तरह हो सका, की जानकारी रात को आयुक्त और एडीजी ने स्थानीय अधिकारियों से जुटाई। छह टेबल लगाने की जानकारी और समय से पहले मतगणना कराने पर इसके लिए शाबासी भी दी।
-
इतने थे दावेदार-
-----
पद--- प्रत्याशी-
549 प्रधान- 4850
761 बीडीसी- 3417
30 जिला पंचायत सदस्य- 367
6965 ग्राम सदस्य- 3311
---
मतदाता- 12.20 लाख
मतदान फीसद- 74.29 फीसद सदर तहसील के डबल लाक में बंद इस्तेमाल मतपत्र: पिटीशन के समय जरूरत पर काम आने वाले इस्तेमाल किए गए मतपत्रों को सदर तहसील के डबल लाक में रखवाया गया है। लोहे के बक्सों में सील लगाकर बंद किए गए यह मतपत्र अब पांच साल तक कोषागार में सुरक्षित रहेंगे। बक्सों को न्याय पंचायत के हिसाब से सील करके रखवाया गया है।
मतगणना और परिणाम तय होने के बाद चुनाव में इस्तेमाल किए गए मतपत्रों को कोषागार में सुरक्षित रखवाया जाता है। यह किसी प्रत्याशी के मतगणना पर असहमति जताकर न्यायालय में पिटीशन के समय काम आते हैं।
मतगणना के बाद जहां मतपेटिकाएं संबंधित ब्लाक में रखवाई गई। वहीं, इस्तेमाल मतपत्रों को बीडीओ और एडीओ पंचायत लोहे के बक्सों में सील लगाकर लाए। बक्सों पर न्याय पंचायत के नाम दर्ज थे, जिससे संबंधित ग्राम सभा के मतपत्र जरूरत पर तत्काल निकाले जा सके। इस दौरान सील लगे बक्सों को जमा कराने में पंचायत चुनाव कार्यालय के सहायक निर्वाचन अधिकारी कुलदीप कुमार, मनीष यादव, सतीश चंद आदि कर्मचारी जुटे रहे।