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कोरोना के साथ डेंगू और वायरल ने पसारे पैर

मैनपुरी जासं कोरोना के साथ अब डेंगू और वायरल ने भी पैर पसारना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 05:38 AM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 05:38 AM (IST)
कोरोना के साथ डेंगू और वायरल ने पसारे पैर
कोरोना के साथ डेंगू और वायरल ने पसारे पैर

मैनपुरी, जासं: कोरोना के साथ अब डेंगू और वायरल ने भी पैर पसारना शुरू कर दिया है। बिछवां थाना क्षेत्र के गांव करीमगंज में 15 दिनों के अंदर पांच लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है। लगभग दो सैकड़ा ग्रामीण बुखार चपेट में हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम पिछले तीन दिन से गांव में कैंप कर स्लाइडें तैयार कर रही है। मंगलवार की दोपहर सीएमओ डॉ. एके पांडेय जिला मलेरिया विभाग की टीम के साथ पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों की उनसे जमकर नोकझोंक हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि गलत दवा का छिड़काव कराने के बाद ही बीमारी तेजी से फैली है। सरकारी स्कूल में कैंप लगा कर जांच के बाद बुखार के मरीजों को दवाएं दी गईं।

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डर से कई कर गए पलायन

गांव में डेंगू की वजह से पिछले 15 दिन में गंगा देवी पत्नी रघुनाथ, वर्माजीत, राजरानी पत्नी श्रीकृष्ण, किरन देवी पत्नी राधाचरण और चंद्रकांती पत्नी विजय की मौत हो चुकी है। दहशत की वजह से कई लोग घर छोड़कर रिश्तेदारी में चले गए हैं।

विकास खंड जागीर में वायरल का प्रकोप

विकास खंड जागीर के गांव चौहानपुर, एलाऊ, नगला धोबा, भांवत, अजीतगंज सहित दर्जनभर गांवों में वायरल बुखार का प्रकोप है। मरीजों में ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग हैं। भांवत गांव में सीएचसी का संचालन कराया जा रहा है। वहां पर्याप्त उपचार न मिलने की वजह से लोग झोलाछाप से इलाज कराने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रभारी चिकित्साधिकारी अजय भदौरिया के फोन पर कभी संपर्क नहीं होता। मजबूरी में उन्हें झोलाछाप के पास जाना पड़ता है।

प्रधान व सचिवों ने बरती लापरवाही, गंदगी बनी वजह

करीमगंज में चार तालाब हैं, जिनमें गंदगी भरी पड़ी है। इनमें जलमंजनी के अलावा मच्छरों की आबादी पल रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि आज तक इसकी सफाई नहीं कराई गई। असल में कोरोना काल में शासन स्तर से प्रधान और सचिवों को ही जिम्मेदारी दी गई थी कि वे गांव की सफाई कराएंगे। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। ग्राम प्रधान प्रीती यादव का कहना है कि फिलहाल बजट का अभाव है। फरवरी में एक तालाब की सफाई कराई थी। अब बजट मिलते ही दूसरे की भी कराई जाएगी। ग्राम विकास अधिकारी अजीतगंज विकास सक्सेना और भांवत वीर अभिमन्यु को सरकार के ऐसे किसी भी निर्देश की जानकारी नहीं है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

सैफई आयुर्विज्ञान संस्थान में मेडिसिन विभाग के एमडी डॉ. सुशील यादव का कहना है कि सबसे ज्यादा मरीज करीमगंज से आ रहे हैं। कोरोना से ज्यादा खतरनाक डेंगू है। इस बीमारी में प्लेटलेट्स गिरने की वजह से मरीज की मौत हो जाती है। यदि जल्द ही बचाव के इंतजाम न हुए तो स्थिति चिताजनक हो सकती है।

हमारी टीमें गांव में कैंप कर रही हैं। हर एक मरीज की जांच कराई जा रही है। घरों को भी सैनिटाइज कराने के साथ गांव में दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। लोगों से अपील की गई है कि अन्य किसी गांव में यदि बुखार के मरीज हैं तो वे भी सूचना दें।

डॉ. एके पांडेय, सीएमओ।


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