उमड़ी भीड़ तो याद आया कोविड प्रोटोकाल
जिला अस्पताल की ओपीडी में दिखी सख्ती अस्पताल प्रबंधक ने लगवाई मरीजों की लाइन
जासं, मैनपुरी: कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के बाद अस्पताल प्रशासन चौकन्ना हो गया है। उमड़ती भीड़ को देखते हुए सक्रियता बढ़ा दी गई है। होमगार्ड की मदद से मरीजों और तीमारदारों के बीच कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया गया।
आवारा श्वान और बंदरों के शिकार लोगों के उपचार के लिए जिला अस्पताल में मंगलवार और शुक्रवार के दिन निर्धारित हैं। इन दिनों में एआरवी (एंटी रेबीज वैक्सीन) के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। मंगलवार को इनके शिकार मरीजों की भीड़ अस्पताल की ओपीडी में पहुंची। दोपहर 12 बजे तक मरीजों की संख्या लगभग दो दर्जन तक पहुंच गई। अचानक भीड़ देखकर अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया।
अस्पताल प्रबंधक वरुणा पूनम ने निगरानी को तैनात किए दो होमगार्ड की मदद से भीड़ में खडे़ मरीजों की लाइन लगवाकर नंबर सिस्टम से इंजेक्शन लगवाए। अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि बिना मास्क के किसी भी मरीज या तीमारदार को ओपीडी और इंडोर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। यदि कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन होता है तो मजबूरी में सख्ती की जाएगी। उन्होंने मरीजों और तीमारदारों से व्यवस्था में सहयोग की अपील की है। विश्व एड्स दिवस पर मरीजों को किया जागरूक
जासं, मैनपुरी: विश्व एड्स दिवस पर मंगलवार को जिला चिकित्सालय परिसर में जागरूकता शिविर का आयोजन कराया गया। इसमें ओपीडी में आने वाले मरीजों और तीमारदारों को जानकारी दी गई।
फिजीशियन डा. जेजे राम ने कहा कि एड्स अभी तक लाइलाज बीमारी ही है। हालांकि, इसके बहुत से लक्षणों के आधार पर दवाएं देकर वायरस को बेअसर करने का प्रयास किया जाता है, लेकिन फिर भी हमें सतर्कता की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। आमतौर पर मानसिकता बनी हुई है कि एड्स की बीमारी सिर्फ असुरक्षित यौन संबंध से ही फैलती है।जबकि, ऐसा नहीं है। इस बीमारी के संचरण के और भी कई अन्य माध्यम हैं।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. गौरांग गुप्ता का कहना है कि एचआइवी संक्रमण असुरक्षित यौन संबंधों के अलावा संक्रमित खून चढ़ाने और संक्रमित इंजेक्शन का इस्तेमाल करने से भी होता है। इतना ही नहीं, संक्रमित मां से उसके अजन्मे बच्चे में भी संक्रमण के लक्षण मिल सकते हैं। इनसे बचाव का एकमात्र तरीका है कि सुरक्षा अपनाएं। हमेशा रक्तदान करने या फिर रक्त चढ़ाए जाने से पहले उसकी जांच करा लें। इस मौके पर मन कक्ष काउंसलर अरुणा यादव, निर्मला सिंह, अस्पताल प्रबंधक वरुणा पूनम मौजूद थे।