करहल मंडी में गरजा महाबली, अवैध अतिक्रमण ध्वस्त
समझाने के बाद भी जब अवैध अतिक्रमण हटाने को आढ़तिए राजी नहीं हुए तो महाबली बुला लिया। करहल मंडी में महाबली के आते ही अवैध अतिक्रमण कर कारोबार संचालित करने वाले आढ़तियों में हड़कंप मच गया। कुछ ने खुद ही इसे हटाया जबकि इंतजार करने वालों के अवैध कब्जे महाबली ने ध्वस्त कर डाले।
जासं, मैनपुरी: समझाने के बाद भी जब अवैध अतिक्रमण हटाने को आढ़तिए राजी नहीं हुए तो महाबली बुला लिया। करहल मंडी में महाबली के आते ही अवैध अतिक्रमण कर कारोबार संचालित करने वाले आढ़तियों में हड़कंप मच गया। कुछ ने खुद ही इसे हटाया, जबकि इंतजार करने वालों के अवैध कब्जे महाबली ने ध्वस्त कर डाले।
करहल मंडी में कई स्थानों पर अवैध अतिक्रमण कर आढ़तों का संचालन हो रहा था। इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कई बार प्रशासन ने चेतावनी दी थी। अवैध अतिक्रमण नहीं हटाए गए तो कई दिन पहले ऐसे लोगों को नोटिस भी जारी किए थे। बताते हैं कि हठधर्मी पर अड़े अवैध अतिक्रमण करने वालों ने इनको हटाने के बजाय राजनीतिक सहारा लिया। प्रशासन पर दबाव भी डलवाया, लेकिन प्रशासन के तेवरों के आगे इनकी नहीं चल सकी। खुद ही हटाते रहे अवैध अतिक्रमण
शनिवार को अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए महाबली आया तो आढ़तियों में हड़कंप मच गया। अवैध अतिक्रमण करने वाले खुद ही इनको हटाने में जुट गए। एसडीएम सदर ऋषिराज और एसडीएम करहल रतन कुमार वर्मा के नेतृत्व में कार्रवाई शुरू होने से पहले ही अवैध अतिक्रमण करने वाले इनको हटाने में जुट गए। दिया गया था समय
बीती 23 जुलाई को अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए करहल मंडी में एसडीए सदर और एसडीएम करहल के साथ आढ़तियों की बैठक भी हुई थी। सभी आढ़तियों ने गल्ला आढ़तिया संघ अध्यक्ष के समक्ष सहमति दी, लेकिन औध अतिक्रमण को नहीं हटाया गया। दस दुकानें खाली
मंडी सभापति- एसडीएम सदर ऋषिराज ने बताया कि कई आढ़तियों ने खुद ही अतिक्रमण हटा लिया था, लेकिन कुछ की हठधर्मिता की वजह से जेसीबी की मदद लेनी पड़ी। मंडी में छह दुकानें प्रीमियम जमा न करने पर निरस्त हो चुकी हैं। चार दुकानें और रिक्त हैं। 10 दुकानों को शीघ्र ही डीएम की अध्यक्षता में बोली लगवा कर आबंटन किया जाएगा।