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बुखार क्लीनिक पर ताला, भटक रहे मरीज

लगभग दो महीनों के कोरोना क‌र्फ्यू के बाद ओपीडी सेवा शुरू तो कर दी गई लेकिन मरीजों की सुविधाओं को नजरंदाज किया जा रहा है। शासन के आदेश हैं कि अस्पताल में बुखार क्लीनिक का अलग से संचालित किया जाए ताकि संक्रमण न फैले। लेकिन जिला अस्पताल में यह व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। बुखार क्लीनिक पर ताला लटकता देख जांच और परामर्श के लिए मरीज पूरे परिसर में निसंकोच होकर फिरते रहे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 04:43 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 04:43 AM (IST)
बुखार क्लीनिक पर ताला, भटक रहे मरीज
बुखार क्लीनिक पर ताला, भटक रहे मरीज

जासं, मैनपुरी : लगभग दो महीनों के कोरोना क‌र्फ्यू के बाद ओपीडी सेवा शुरू तो कर दी गई, लेकिन मरीजों की सुविधाओं को नजरंदाज किया जा रहा है। शासन के आदेश हैं कि अस्पताल में बुखार क्लीनिक का अलग से संचालित किया जाए, ताकि संक्रमण न फैले। लेकिन, जिला अस्पताल में यह व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। बुखार क्लीनिक पर ताला लटकता देख जांच और परामर्श के लिए मरीज पूरे परिसर में नि:संकोच होकर फिरते रहे।

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बुखार, खांसी और जुकाम को कोरोना के संदिग्ध लक्षण मानते हुए जिला अस्पताल परिसर में एक कक्ष को बुखार क्लीनिक के रूप में तैयार किया गया था, यहां बाकायदा चिकित्सक की तैनाती की गई है। संदिग्ध मरीजों को इसी बुखार क्लीनिक पर भेजा जाता था, जहां इनकी थर्मल स्क्रीनिंग कर मरीज की जानकारी के अनुसार दवा दी जाती थी। ऐसे मरीजों का अलग से रिकार्ड भी सुरक्षित रखने के आदेश हैं, लेकिन बुधवार की दोपहर लगभग 12 बजे अस्पताल में संचालित बुखार क्लीनिक पर ताला लटक रहा था। ताला देखकर यहां आने वाले मरीज इलाज के लिए बेफिक्र होकर पूरी ओपीडी में घूम रहे थे। जिसका जहां मन, वहां जाकर बैठे

जिला अस्पताल इन दिनों वार्ता कक्ष बन चुका है। चिकित्सकों को उनकी पैथी के अनुसार कमरे उपलब्ध कराए गए हैं ताकि आने वाले मरीजों को बेवजह परेशानी न हो, लेकिन ज्यादातर चिकित्सक सीएमएस कक्ष के पास बने एक ही कमरे में बैठे मिलते हैं। ऐसे में अन्य कमरे खाली पडे़ रहते हैं जिससे भ्रम होने पर कई मरीज बिना उपचार के ही लौट जाते हैं। किस कमरे में किस चिकित्सक की ड्यूटी लगाई गई है, इसकी सूचना को भी सार्वजनिक नहीं कराया जा रहा है। जबकि जिला अस्पताल में सिटीजन चार्टर लागू है।

चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ड्यूटी समय में अपने कक्ष में ही बैठकर मरीजों को उपचार दें। बुखार क्लीनिक का संचालन भी कराया जा रहा है। बुखार क्लीनिक बंद होने के संबंध में जानकारी की जाएगी। संभव है किसी कार्य के चलते चिकित्सक कहीं चले गए हों। लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी। बुखार या अन्य संभावित लक्षणों वाले मरीजों से अपील है कि वे स्वयं की जिम्मेदारी समझते हुए पूरे परिसर में न घूमें।

डा. अरविद कुमार गर्ग, सीएमएस, जिला अस्पताल।


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