जमीन घोटाले में बैठक, दस्तखत और पता, सब कुछ फर्जी
करहल संसू। जिले का सबसे बड़ा जमीन घोटाला बताए जा रहे सहन ग्रामसभा प्रकरण में हर कदम पर फर्जीवाड़ा किया गया। कागजों पर ही ग्रामसभा की बैठक दर्शा दी गई। पट्टा आवंटन के लिए बाहरी लोगों को ग्राम सभा क्षेत्र का निवासी बताया गया और तारीखों में हेरफेर भी हुआ। खेल में शामिल अफसरों ने भी कई बार गलत जानकारियां देकर इसे छिपाने की कोशिश की। अब डीएम के आदेश पर हुई जांच के बाद परत दर परत गड़बड़ियां सामने आ रही हैं।
संवाद सूत्र, करहल: ग्राम सभा सहन की 11 सौ बीघा जमीन में पट्टा आवंटन के लिए अंधेरगर्दी की हदें पार की गई थीं। कागजों में बैठक कर आसपास के गांवों के लोगो के नाम आवंटियों में शामिल कर लिए। हेराफेरी करने को रजिस्टरों में ओवर राइटिंग की गई। प्रस्ताव पर मुहर ग्राम सभा के सदस्यो के दस्तखत फर्जी कर दिए। डीएम के आदेश पर कराई गई जांच के बाद इस मामले में तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार सहित 378 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
मौजूदा प्रधान अनीता देवी ने वर्ष 2015 में इस जमीन घोटाले की शिकायत प्रशासन से की थी। बीच में इस मामले में लापरवाही बरती गई मगर डीएम पी के उपाध्याय के आदेश पर सीडीओ ने जांच की थी। सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2013 से 2015 के बीच किए गए पट्टा आवंटन में व्यापक गड़बडि़यां मिलीं हैं। प्रधान अनीता के अनुसार, पट्टा आवंटन की प्रक्रिया के लिए न तो बहुप्रसारित अखबार में बैठक के लिए गजट कराया गया और न ही इसकी मुनादी कराई गई। तत्कालीन प्रधान नीतू सिंह ने कागजों में खुली बैठक संपन्न दर्शा दी। उक्त बैठक में ग्राम सभा के चार सदस्यों अरविद सिंह, वर्षा देवी, गोपाल सिंह व अनीता देवी के फर्जी हस्ताक्षर कर प्रस्ताव को पास दिखाया गया। इस हेराफेरी की जानकारी होने पर सदस्यों ने डीएम को लिखित में इस फर्जीवाड़ा की शिकायत की। इन्हें दिए गए पट्टे
रामरिशी पुत्र ऊभन सिंह, श्रीदेवी पत्नी राम सिंह निवासीगण नगला सभा निनौली, ध्रुव सिंह पुत्र मेहरबान सिंह व सुषमा देवी पत्नी ध्रुव सिंह निवासीगण मुरादपुर बरनाहल, सचिन पुत्र राकेश, विनीता पत्नी सचिन निवासी गण मेरापुर फर्रुखाबाद, मनोज पुत्र राकेश निवासी कुचेला, राम विरेश पुत्र भजन लाल व शांती देवी पत्नी राम विरेश निवासी गण गांव कमरिया बरनाहल, आदेश पुत्र डिप्टी निवासी नगला उदी कुचेला, रविद्र पुत्र जगत राम निवासी मखिया निनौली, उदयवीर पुत्र अतर सिंह निवासी गांव परशुरामपुर, बरनाहल। विशेष बात ये है कि इन सबको ग्राम पंचायत सहन के गांव टीकराहार का निवासी दर्शाया गया। तहसीलदार की गलत सूचना से उजागर हुआ मामला
मैनपुरी: पट्टा आवंटन में फर्जीवाड़ा की आशंका पर प्रधान अनीता देवी ने तत्कालीन तहसीलदार सुरजीत सिंह से लिखित सूचना मांगी थी कि ग्राम पंचायत सहन में कृषि योग्य भूमि के वर्ष 2013 से 2015 में पट्टे स्वीकृत किए गए हैं या नहीं। जवाब में तहसीलदार ने पट्टे न होने की जानकारी दी। तहसीलदार यहीं फंस गए। जब अभिलेखों को खंगाला गया तो सामने आया कि पिछली तारीखों में तहसील के भू अभिलेखों में लगभग 370 लोगों के नाम पट्टे स्वीकृत पाए गए। साथ ही 57 ख पत्रावली के साथ आर-सिक्स रजिस्टर में ओवर राइटिग मिली। कई आवंटियों के नाम में काट-पीट भी की गई थी। सीडीओ की जांच के बाद पूर्व प्रधान नीतू देवी, वर्तमान तहसीलदार ने तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल व रजिस्ट्रार सहित 378 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। बागपत में तैनात हैं एसडीएम व औरैया में तहसीलदार
मुकदमे में नामजद तत्कालीन एसडीएम विजय प्रताप वर्तमान में बागपत में तैनात हैं। तत्कालीन तहसीलदार सुरजीत सिंह औरेया में सेवाएं दे रहे हैं। जबकि मुकदमे में रजिस्ट्रार सुरेश राठौर व लेखपाल रतन कुमार वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इंस्पेक्टर करहल आशीष कुमार ने बताया कि सभी तथ्यों पर जांच शुरू कर दी गई है।