चार लोगों की कोरोना से मौत
कोरोना संक्रमितों की संख्या में थोड़ी गिरावट आई है। 83 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए।
जासं, मैनपुरी : जिले में कोरोना से बिगड़े हालात काबू में आते नहीं दिख रहे हैं। मरने वालों की संख्या में कमी दर्ज नहीं हो रही है। चार मरीजों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। संक्रमितों की संख्या में जरूर थोड़ी-सी गिरावट आई है। सोमवार को केवल 83 मरीज ही संक्रमित मिले हैं।
प्रशासन किसी भी जानकारी को सार्वजनिक करने के बजाय सिर्फ कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की सलाह ही दे रहा है। जबकि स्थिति यह है कि कोविड प्रोटोकाल की शहर में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शहर की किसी भी गली में नियमों का पालन नहीं हो रहा। पाजिटिव लोग भी खुलेआम कालोनियों में भ्रमण कर बैठकों में भाग ले रहे हैं।
घर में आक्सीजन सिलिंडर रखा है तो रहें सतर्क
जासं, मैनपुरी: कोरोना संक्रमण के दौर में मरीजों के परिजन आक्सीजन सिलिंडरों का घरों में स्टाक कर रहे हैं, मगर लोगों को यह नादानी कोरोना से भी ज्यादा घातक साबित हो सकती है। घरों में रखे यह सिलिडर लापरवाही से बम जैसा धमाका भी कर सकते हैं।
चोरी छिपे घरों में जमा किए जा रहे आक्सीजन सिलिडर एलपीजी सिलिडर से काफी अलग होता है। इनको लुढ़काया या पटका नहीं जा सकता है। यही कारण है कि आक्सीजन को लाने के लिए विशेष तरह के टैंकरों का प्रयोग होता है। आक्सीजन सिलिडर लुढ़काने या पटकने से उसका वाल्व क्षतिग्रस्त होने की आशंका रहती है।
ऐसी स्थिति में यह सिलिडर किसी बम से अधिक खतरनाक हो सकते हैं और बड़ी घटना हो सकती है। बीते दिनों लखनऊ में आक्सीजन सिलिडर फटने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए मरीज के लिए आक्सीजन सिलिडर का इंतजाम करते वक्त उसकी गुणवत्ता को भी परखें। घर में प्रयोग करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आक्सीजन सिलिडर को कहीं जोर से न पटका जाए। इनसे बच्चों को दूर रखना चाहिए।
अग्निशमन विभाग के राजवीर सिंह का कहना है कि सभी गैस सिलिडर खतरनाक ही होते हैं, सावधानी जरूरी होती है। आक्सीजन सिलिडर के प्रति तो और ज्यादा सजगता बरतनी चाहिए।