अलाव को मार जाती ठंड, बसेरों को जगह बहुत कम
सार्वजनिक स्थान और बाजार में राहगीरों को हो रही परेशानी

सार्वजनिक स्थान और बाजार में राहगीरों को हो रही परेशानी
जासं, मैनपुरी: करीब एक पखवाडे़ से बिगड़ा मौसम दिन में भी गलन बढ़ा रहा है। घना कोहरा और सर्द भरी हवाओं से सड़कों पर भी सन्नाटा दिखता है। बावजूद इसके पालिका प्रशासन द्वारा राहत के पर्याप्त प्रबंध नहीं कराए गए हैं। हाल यह है कि दिन तो अलाव जलते ही नहीं हैं, रात में जहां जल रहे हैं वे आधी रात होते-होते दम तोड़ जाते हैं। ऐसे में लोगों को परेशानी हो रही है।
उप निदेशक स्थानीय निकाय रश्मि सिंह ने 12 जनवरी को पत्र भेजकर निकायों को अलाव और रैन बसेरों के अतिरिक्त प्रबंध कराने के निर्देश दिए थे। 18 जनवरी को फिर रिमाइंडर भेजा गया। इसके बावजूद अभी तक शहर में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त व्यवस्था नहीं कराई गई है। स्थिति यह है कि शीतलहर और घने कोहरे के बीच सार्वजनिक स्थान और बाजार में दिन में भी लोग ठिठुरते हुए दिखते हैं।
कई निराश्रित, भिखारी और जरूरतमंद राहगीरों की मदद के लिए अतिरिक्त रैन बसेरे भी नहीं बनवाए गए हैं। जिन स्थानों पर अलाव जलवाए जा रहे हैं, वे भी आधी रात से पहले ही ठंडे पड़ जाते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा पालिका प्रशासन से अलाव की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की गई है।
इन स्थानों पर अलाव की आवश्यकता
शहर के क्रिश्चियन तिराहा, सीएमओ कार्यालय परिसर, बस स्टैंड परिसर, जिला अस्पताल परिसर, ईशन नदी तिराहा, जेल चौराहा, राधा रमन रोड, भांवत चौराहा, रेलवे स्टेशन परिसर, करहल चौराहा, तांगा स्टैंड, मदार दरवाजा, घंटाघर चौराहा, बड़ा चौराहा। अभी ये हैं प्रबंध
- शहर में रेलवे स्टेशन परिसर, रोडवेज बस स्टैंड, कोतवाली के बाहर और नगर पालिका परिसर में अस्थायी रैन बसेरे बनवाए गए हैं।
- करहल चौराहा के पास श्रृंगार नगर में स्थायी रैन बसेरा बना हुआ है, जहां 100 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है।
इस संबंध में बोर्ड के सभी सदस्यों से चर्चा की जा रही है। यदि मौसम ऐसा ही रहता है तो एक या दो दिन के अंदर कुछ सार्वजनिक स्थानों पर दिन में भी अलाव के प्रबंध कराए जाएंगे। श्रृंगार नगर में भरपूर बिस्तर हैं। लोगों से अपील है कि आवश्यकता पड़ने पर यहां ठहर सकते हैं। पखवाडे़ भर से बिगड़ा मौसम दिन में भी गलन बढ़ा रहा है। -लालचंद भारती, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, मैनपुरी।
Edited By Jagran