दो दिन में अभिलेख जमा न हुए तो कार्रवाई
सीडीओ ईशा प्रिया ने 529 ग्राम पंचायत के सचिवों की मनमानी पर सचिवों को चेतावनी दी। उन्होंने सचिवों से कहा कि ब्लाक अभिलेखागार में कागजात जमा कराएं। पांच साल के अभिलेख जमा कराए जाने हैं। अभी आधा काम ही पूरा हो सका है।
जासं, मैनपुरी: जिले की 549 ग्राम पंचायतों का काम संभाल रहे सचिव अभी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। ग्राम पंचायत में आए धन और विकास से जुड़े कागजात अभिलेखागार में जमा नहीं कराए जा रहे हैं। पूर्व में जारी निर्देशों के बाद भी आधी ग्राम पंचायतों के अभिलेख अभी तक जमा कराए गए हैं। अब सीडीओ ने लापरवाही बरत रहे सचिवों को इसके लिए दो दिन का समय देते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है।
ग्राम पंचायतों में राज्य और केंद्र वित्त से विकास और दूसरे काम कराने को सालाना लाखों की धनराशि दी जाती है तो अन्य मदों से भी यह राशि पंचायतों को उपलब्ध होती है। लेकिन, सचिव इस राशि के खर्च का ब्यौरा अब तक खुद के पास ही रख बैठे रहते थे। इससे शिकायत पर होनी वाली जांच में संबंधित ग्राम पंचायत के अभिलेख नहीं मिल पाते थे। ऐसा बीते साल एक दर्जन से ज्यादा प्रधानों की जांच के दौरान भी सामने आया, जब कागजात नहीं मिलने पर जांच पूरी ही नहीं हो सकी थी।
जिले में बीते साल ग्राम पंचायतों के अभिलेखों को लेकर ऐसी जानकारी के बाद सीडीओ ईशा प्रिया ने सभी सचिवों को निर्देश दिए थे कि ग्राम पंचायत के अभिलेख ब्लाक में रखे जाएं। इसके लिए सभी ब्लाकों में अभिलेखागार भी बनाने को कहा था। ऐसे निर्देशों के बाद जिले की नौ ब्लाक में से आठ में यह अभिलेखागार बनाए भी गए, लेकिन अभिलेख जमा कराने में सचिव आज भी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं।
अब तक आधा काम
जिले में अभिलेख जमा कराने का काम अभी तक आधा ही हो सका है। नौ ब्लाक की 549 ग्राम पंचायतों में से शुक्रवार तक केवल 274 पंचायतों के सचिवों ने ही यह काम अब तक पूरा किया है। ऐसी जानकारी के बाद सीडीओ को सचिवों के लिए चेतावनी जारी करनी पड़ी। बेवर के यहां होंगे जमा
बेवर ब्लाक की ग्राम पंचायतों के अभिलेख जमा कराने को अभी अभिलेखागार का इंतजाम नहीं हो सका है। ऐसे में इस ब्लाक की ग्राम पंचायतों के अभिलेख फिलहाल एडीओ पंचायत और बीडीओ के पास जमा कराए जाएंगे। पारदर्शिता के लिहाज से जमा कराए जाने वाले अभिलेखों के काम में लापरवाही बरतने वाले सचिवों को एक बार और चेतावनी दी गई है। अभिलेख जमा करने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। इसके बाद लापरवाही बरतने वाले सचिवों पर कार्रवाई होगी।
- ईशा प्रिया, मुख्य विकास अधिकारी।