कोहरे पर भारी पड़ी बयार, खिली धूप
साल की आखिरी सुबह कोहरे की मोटी चादर ओढ़े निकली तो सैर पर जाने वाले नागरिक भौचक रह गए। पाला भी पेड़ों से खूब गिरा। सात बजे के बाद चली बयार ने कोहरे की चादर को हटाया तो सूरज देव खिलखिला उठे। धूप निकलने से नागरिकों ने राहत की सांस ली। न्यूनतम तापमान में भी कुछ कमी दर्ज की गई।
जासं, मैनपुरी: साल की आखिरी सुबह कोहरे की मोटी चादर ओढ़े निकली तो सैर पर जाने वाले नागरिक भौचक रह गए। पाला भी पेड़ों से खूब गिरा। सात बजे के बाद चली बयार ने कोहरे की चादर को हटाया तो सूरज देव खिलखिला उठे। धूप निकलने से नागरिकों ने राहत की सांस ली। न्यूनतम तापमान में भी कुछ कमी दर्ज की गई।
सुबह की सैर पर निकले नागरिक राहों पर कोहरा देखकर हैरान रह गए। सुबह छह बजे तक पेड़ों से पाला बूंद की तरह टपक रहा था, इससे पेड़ों के नीचे पानी गिरने से जमीन भी गीली हो गई। कोहरा और आसमान पर बादलों का डेरा रहने से सूरज भी आठ बजे के बाद ही निकल सके। आबादी के आसपास घना कोहरा होने से दैनिक कार्यों को जाने वाली लोगों को दिक्कत हुई हुई।
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हवा से मिली राहत-
सुबह सात और आठ बजे के बीच चली शीतल बयार से नागरिक भले ही परेशान नजर आए, इससे कोहरा जरूर साफ हो गया। कोहरा साफ होते ही सूर्यदेव प्रकट हो गए और चमचमाती धूप निकल आई। इसके बाद दिनभर सूर्य देव अपनी तरफ से नागरिकों को राहत देते रहे। वैसे, एक-दो बार बादल भी छाए।
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और गिरा तापमान-
शीतल बयार चलने से न्यूनतम तापमान भी प्रभावित हुआ। बीती रात गुरुवार को न्यूनतम तापमान 5.4 और अधिकतम 21.3 डिग्री सेल्सियस रहा। वैसे, बीते साल इसी दिन न्यूनतम 4.3 और अधिकतम 18.4 डिग्री सेल्सियस रहा था।
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मौसम से खुश है अन्नदाता-
बीत रहे साल के आखिरी दिन कोहरा छाने से अन्नदाता खुश नजर आया। पहली बार पड़े कोहरा को किसान गेहूं और सरसों फसल के लिए मुफीद मान रहे हैं। बेहतर मौसम होने से अच्छी फसल उत्पादन की संभावना भी बनने लगी है। वहीं, आलू उत्पादक किसान जरूर कोहरा की वजह से चितित नजर आए। ऐसे में वह फसल को संजीवनी देने के लिए हल्की सिचाई और दूसरे साधनों का इस्तेमाल करने लगे हैं।