अनाज मंडी में लगे धान के ढेर, सरकारी क्रय केंद्र सूने
मैनपुरी जासं। कटाई के बाद अब धान मंडी में आने लगा है। धान के ढेरों से समूची मंडी भरी नजर आती है लेकिन सरकारी क्रय केंद्र सूना पड़ा है। मंडी में खोले गए इस केंद्र पर एक दाना भी नहीं आया है जबकि व्यापारियों के फड़ और चबूतरों पर ढेर लगे हुए हैं। किसान मंडी में कम लागत में धान बेचने को मजबूर है। क्रय केंद्रों से किसानों को धान में नमी होने की कहकर लौटाया जा रहा है। ऐसे में कम भाव पर किसान मोटे धान को बेच रहा है।
जासं, मैनपुरी: धान अब बिक्री को तैयार हो गया है। यहां बना सरकारी क्रय केंद्र सूना पड़ा है, लेकिन व्यापारियों के फड़ और चबूतरों पर ढेर लगे हुए हैं। यहां किसानों को सरकारी दर से अधिक कीमत मिल रही है, हालांकि यह किसानों की उम्मीद से कम है।
गुरुवार सुबह आठ बजे जागरण टीम शहर की कृषि मंडी पहुंची तो दर्जनों किसान वाहनों में धान को भरकर लाते हुए मिले। भाव तय होने के बाद कर्मचारी कांटा लगा रहे थे। सुबह दस बजने तक मंडी में हर आढ़ती के सामने और चबूतरों पर धान के ढेर नजर आ रहे थे।
गेट के सामने से सरकारी क्रय केंद्र नजर आया। इस दुकान के बाहर एक बैनर दीवार पर लगा दिखा, जो आधा उखड़ भी चुका था। यहां पहुंचने पर पास में एक व्यक्ति आया। खुद को कर्मचारी बताते हुए केंद्र प्रभारी के फोन पर मीडियाकर्मियों के आने की सूचना दी। परिचय देने पर दूसरी ओर से खुद को प्रभारी बताने वाले अधिकारी ने बताया कि वह मोटा धान खरीदेंगे, फिलहाल अभी तक आया नहीं है। कुछ किसानों से खरीद के लिए बातचीत हो चुकी है।
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कम निकल रहा माल-
घिरोर के नगला हरी सिंह से मंडी में आए किसान सुरेंद्र ने बताया कि इस बार धान का उत्पादन पिछले बार के मुकाबले कम निकल रहा है। सरकारी क्रय केंद्र पर 1850 रुपये प्रति कुंतल धान खरीदा जा रहा है, जबकि आढ़त पर 2200 रुपये प्रति कुंतल में खरीदा जा रहा है।