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छात्रा दुष्कर्म-हत्याकांड: दो साल..रहस्य बरकरार

हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद एएसपी और सीओ किए निलंबित

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 06:55 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 06:55 AM (IST)
छात्रा दुष्कर्म-हत्याकांड: दो साल..रहस्य बरकरार

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: छात्रा से दुष्कर्म, हत्या और वो भी हास्टल में। घटना जितनी दहलाने वाली थी, उतनी ही चौंकाने वाली। चुनौती पर्दाफाश की थी। पुलिस, एसटीएफ और फिर एसआइटी। कभी दिन में पड़ताल तो कभी रात में मुआयना। विद्यार्थियों से लेकर स्कूल के समूचे स्टाफ से पूछताछ। डीएनए और पालीग्राफ जैसे टेस्ट का लंबा दौर चला। मगर, आश्चर्य कि दो साल के लंबी अवधि में प्रदेश पुलिस की 'पूरी ताकत' भी घटना से रहस्य का पर्दा नहीं उठा सकी। सवाल वहीं का वहीं है कि दुष्कर्म-हत्याकांड का जिम्मेदार कौन है? आखिर, ऐसा क्यों किया गया? 115 लोगों का हो चुका है डीएनए टेस्ट

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12 लोगों का कराया जा चुका है पालीग्राफी टेस्ट

300 से अधिक लोगों से की जा चुकी है पूछताछ

03 महीने बाद स्लाइड परीक्षण में दुष्कर्म की पुष्टि हुई

..और उलझी गुत्थी

पुलिस प्रथमदृष्टया घटना को खुदकुशी ही मान रही थी। लिहाजा संदिग्ध लोगों से पूछताछ भी नहीं की गई। स्लाइड जांच में पुष्टि होने पर ही दुष्कर्म भी माना गया। इस वजह घटना की गुत्थी और उलझती चली गई।

प्रियंका ने दिखाई थी संवेदना: कांग्रेस नेत्री (अब राष्ट्रीय महासचिव) प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट कर पीड़ित परिवार से संवेदना जताई थी। साथ ही, मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा था। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल यहां आकर पीड़ित परिवार से मिला था। इसके अलावा राज्य के कई शहरों में भी कैंडल मार्च निकाले गए। कई सामाजिक संगठनों ने भी पीड़ित परिवार से मिलकर संवेदना जताई थी।

हटाए गए थे डीएम-एसपी

दिसंबर, 2019 में विधि विज्ञान प्रयोगशाला, ने स्लाइड की जांच में दुष्कर्म की पुष्टि की थी। इससे खुदकुशी मानकर चल रहे पुलिस महकमे में खलबली मच गई। शासन ने भी इसे गंभीरता से लिया। तत्कालीन जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय और एसपी अजय शंकर राय का स्थानांतरण कर दिया।

इनाम की घोषणा,नहीं मिला सुराग

तत्कालीन एसपी अशोक कुमार राय ने सुराग देने वाले को इनाम देने की भी घोषणा की थी। फिर भी कोई सुराग नहीं मिला था। हाई कोर्ट से स्वजन को न्याय की उम्मीद

हाई कोर्ट में सुनवाई की जानकारी होने पर छात्रा के माता-पिता भी बुधवार को प्रयागराज पहुंच गए हैं। उन्होंने फोन पर बताया कि वह न्याय पाने के लिए दो साल से दर-दर भटक रहे हैं। थाने से लेकर डीजीपी कार्यालय तक के चक्कर लगाए, लेकिन न्याय नहीं मिला। हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई है, तो न्याय की उम्मीद जागी है। सीबीआइ जांच की मांग को लेकर उन्होंने भी हाईकोर्ट एक याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद एएसपी व सीओ निलंबित

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद शासन ने तत्कालीन एएसपी ओम प्रकाश सिंह व सीओ प्रयांक जैन को निलंबित कर दिया है। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने दोनों पीपीएस अधिकारियों के निलंबन की पुष्टि की है। तत्कालीन एएसपी वर्तमान में एटा तथा तत्कालीन सीओ भदोही में तैनात थे। दोनों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही का भी आदेश दिया गया है। पूरे मामले में कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध भी कार्रवाई हो सकती है।


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