पंचनामा के सवाल, गवाहों से जाने पोस्टमार्टम पर जवाब
मैनपुरी जासं। छात्रा दुष्कर्म-हत्याकांड में पंचनामा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बीच का अंतर भी एसआइटी को परेशान किए हुए है। पांच दिन पहले पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल से बातचीत कर चुकी एसआइटी ने शनिवार देर रात पंचनामे के गवाहों के बयान लिए। ज्यादातर यह पूछताछ छात्रा के शरीर पर चोटों के निशानों की हकीकत जानने पर ही केंद्रित रही।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: छात्रा दुष्कर्म-हत्याकांड में पंचनामा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बीच का अंतर भी विशेष जांच दल (एसआइटी) को परेशान किए हुए है। पांच दिन पहले पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल से बातचीत कर चुकी एसआइटी ने शनिवार देर रात पंचनामे के गवाहों के बयान लिए। पूछताछ ज्यादातर छात्रा के शरीर पर चोटों के निशानों की हकीकत जानने पर ही केंद्रित रही।
एसआइटी प्रमुख आइजी कानपुर मोहित अग्रवाल शनिवार देर शाम कानपुर से वापस मैनपुरी आ गए। आते ही उन्होंने ट्रांजिट हॉस्टल में पंचनामा के गवाहों सुशील कुमार पांडेय, आशीष पांडेय, श्याम पांडेय और विजय मिश्रा को बुला लिया। गवाहों के मुताबिक आइजी ने सभी से अलग-अलग अकेले में बात की। घटनाक्रम को लेकर जानकारी ली।
गवाहों से छात्रा के शरीर पर चोटों के निशान को लेकर विस्तार से सवाल पूछ गए। चोटें कहां-कहां थी, किस तरह की थी? ये जानने का प्रयास किया गया। उनसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोटों का जिक्र न होने की बात कह कर पूछा गया कि इसकी क्या वजह हो सकती है? इस पर ज्यादातर गवाहों ने कोई ठोस राय नहीं रखी। सभी गवाहों से उनके मौके पर पहुंचने के समय के बारे में जानकारी दी। सभी ने जो देखा था, जिस हालात में शव मिला था, पंचनामा पर गवाही किस प्रकार की गई, इन सभी सवालों को भी आइजी ने गहराई से पूछा। विजय मिश्रा ने दी थी स्वजनों को सूचना
गवाह विजय मिश्रा ने बताया कि वे अपनी पत्नी को पेट दर्द के चलते अस्पताल ले गए थे। आपात कक्ष में छात्रा का शव रखा था। वह छात्रा को पहचानते थे। उन्होंने ही छात्रा की मां को फोन कर अस्पताल आने के लिए कहा था। उन्होंने मौत की जानकारी फोन पर इसलिए नहीं दी थी कि छात्रा की मां परेशान हो जाएगी। आधा घंटे में वे अस्पताल आ गई थी। छात्रा के परिजनों को स्कूल प्रशासन ने कोई सूचना नहीं दी थी। हत्या-आत्महत्या पर भी जानी राय
गवाहों के मुताबिक उनसे छात्रा की मौत को लेकर भी राय जानी गई। पूछा गया कि शव देखते ही आपको क्या लगा था कि हत्या की गई है या आत्महत्या है? इस पर गवाहों ने अलग-अलग जानकारी दी।