बुखार से युवती और महिला की मौत
बुखार के बिगड़े हालात भले ही थोडे़ काबू में आए हों लेकिन मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। चौबीस घंटे में जिले में दो महिला की मौत हो गई। वहीं सैकड़ों मरीजों का प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है।
जासं, मैनपुरी: बुखार के बिगड़े हालात भले ही थोडे़ काबू में आए हों, लेकिन मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। चौबीस घंटे में जिले में दो महिला की मौत हो गई। वहीं सैकड़ों मरीजों का प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है।
जिले में बुखार का ग्राफ कोरोना संक्रमण से भी ज्यादा तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। शहर से लेकर गांव तक लोग बीमार हैं। मौसम बदलने के बावजूद इसके मरीजों में कोई कमी नहीं आ रही है। दन्नाहार थाना क्षेत्र के गांव नगला मही निवासी श्वेता यादव (30) औंछा थाना क्षेत्र के गांव बालमपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय पर प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात थीं। कुछ दिनों से बुखार से बीमार चल रही थीं। हालत बिगड़ने पर स्वजन उन्हें दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में उपचार दिला रहे थे, जहां उनकी मौत हो गई। दन्नाहार थाना क्षेत्र के गांव रठेरा निवासी मिथलेश देवी (46) पत्नी कमलेश यादव भी बुखार से बीमार चल रही थीं। राहत न मिलने पर स्वजन द्वारा उन्हें आगरा के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान गुरुवार को उनकी मौत हो गई। दोबारा अस्पताल में बिस्तर फुल होने लगे हैं। गुरुवार को इमरजेंसी, इनडोर और डेंगू वार्ड के बिस्तर मरीजों से भरे हुए थे। 52 में डेंगू की पुष्टि
बुखार से बिगड़े हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मरीजों में लगातार डेंगू की पुष्टि हो रही है। गुरुवार को आई रिपोर्ट में 52 नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें से ज्यादातर को स्वजन द्वारा प्राइवेट अस्पतालों में ही भर्ती कराया गया है। बुखार की स्थिति में स्वयं को परेशान न होने दें। पहला प्रयास करें कि बुखार काबू में रहे। इसके बाद जांच कराएं। यदि किसी प्रकार की पुष्टि होती है तो नियमित दवाओं का सेवन करें। आमतौर पर तीन से चार दिन के अंदर बुखार ठीक होने लगता है। अस्पताल से अब तब लगभग दो सैकड़ा मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है।
डा. अरविद कुमार गर्ग, सीएमएस