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इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षा से खिलवाड़

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: शासन ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए चु¨नदा प्राथमिक विद्यालयों क

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Apr 2018 11:50 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2018 11:50 PM (IST)
इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षा से खिलवाड़
इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षा से खिलवाड़

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: शासन ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए चु¨नदा प्राथमिक विद्यालयों को इंग्लिश मीडियम बनाने का निर्णय लिया था। नए सत्र से इन विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में ही पढ़ाई होनी थी, लेकिन डेढ़ सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी अब तक चयनित स्कूलों में कोई बदलाव नहीं हो सका है।

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बुधवार जो जब जागरण की टीम ने अंग्रेजी माध्यम में चयनित स्कूल की पड़ताल की चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। यहां बेहतर व्यवस्थाएं, तो दूर की बात है, अन्य स्कूल की अपेक्षा और भी बदहाली है। सबसे पहले हम आपको प्राथमिक विद्यालय छपट्टी लिए चलते हैं। इस विद्यालय का चयन अंग्रेजी माध्यम के लिए किया गया है। यहां कुल 39 बच्चे पंजीकृत हैं। शिक्षामित्र परमेश ने बताया कि अब तक विद्यालय में न तो स्टाफ भेजा गया है और न ही अन्य व्यवस्थाएं कराई गई हैं। यहां बच्चे चटाई पर बैठे हुए थे। उनके पास किताबें भी नहीं थीं। ऐसा ही हाल प्राथमिक विद्यालय इस्लामियां का भी था। शिक्षकों को इस बारे में, तो जानकारी थी कि उनके विद्यालय का चयन अंग्रेजी माध्यम के लिए किया गया है, लेकिन अब तक कोई आदेश न मिलने और व्यवस्थाएं न कराने के चलते यहां भी हालात जस के तस हैं। ये तो बात हुई नगर क्षेत्र के स्कूलों की, अब हम आपको विकास खंड मैनपुरी के अंग्रेजी माध्यम में चयनित विद्यालयों की हकीकत से रूबरू कराते हैं। ये है प्राथमिक विद्यालय देवामई। इस विद्यालय के दो कमरों में तो ग्राम पंचायत द्वारा टाइल्स लगवा दिए गए हैं, लेकिन तीसरे कमरे की फर्श में एक-एक फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं। विद्यालय के बाहर लोगों ने कूड़े के ढेर लगा रखे हैं तो गेट पर जानवर बांधकर अतिक्रमण कर लिया है। अगर कोई शिक्षक इसका विरोध करता है, तो गांव वाले लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। यहां भी अब तक किसी अंग्रेजी मीडियम के शिक्षक की तैनाती नहीं की गई है। ऐसा ही हाल जिले के अधिकांश अंग्रेजी माध्यम के लिए चयनित स्कूलों का है। जिले में कुल 55 स्कूलों का चयन किया गया है। लेकिन अब तक इनमें शिक्षकों की तैनाती नहीं की जा सकी। केवल 33 प्रधानाध्यापकों के साथ ही 34 सहायक अध्यापकों का अब तक चयन हुआ है। ऐसे में इन विद्यालयों के संचालन पर खतरा मंडरा रहा है। नहीं हो रही पढ़ाई

अब तक जहां ये स्कूल अंग्रेजी माध्यम में शुरू नहीं हुए हैं, वहीं इनमें ¨हदी माध्यम से भी पढ़ाई नहीं कराई जा रही है, क्योंकि नए सत्र से इन विद्यालयों में अंग्रेजी की किताबों से ही शिक्षण कार्य किया जाना है। ऐसे में अगर कोई शिक्षक ¨हदी के किताबों से पढ़ाता है तो बेकार है। जितने भी शिक्षकों के आवेदन आए थे, उन शिक्षकों को चयन के बाद अंग्रेजी माध्यम में चयनित विद्यालयों में भेज दिया गया है। जल्द ही दोबारा आवेदन करवाकर शिक्षकों का चयन किया जाएगा।

डीएस चौहान, जिला समन्वयक प्रशिक्षण। पांच शिक्षकों की होनी है तैनाती

अंग्रेजी माध्यम में चयनित स्कूलों में पांच शिक्षकों की तैनाती की जानी है, जिसमें चार सहायक अध्यापक और एक प्रधानाध्यापक शामिल रहेंगे। ऐसे में जिले के 55 विद्यालयों में कुल 55 प्रधानाध्यापक और 220 सहायक अध्यापकों की आवश्यकता है। जबकि अब तक केवल 33 प्रधानाध्यापक और 34 सहायक अध्यापकों का ही चयन हो पाया है।


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