Move to Jagran APP

विकास और रोजगार पर हो फोकस, आर्थिक गिरावट रुके

मैनपुरी जासं। विकास दर कम हो रही है जीडीपी भी निराशाजनक संदेश दे रही है। देश का युवा आज रोजगार के लिए परेशान हैं। विकास और रोजगार का मुद्दा आज का सबसे ज्वलंत विषय है। ऐसे मुद्दों पर सरकार को बजट में खास फोकस करना होगा। कृषि क्षेत्र की उपेक्षा को दूर करने के लिए भी ठोस उपाय करने होंगे। अर्थ व्यवस्था को संभालने के लिए सरकार को बजट में बेहतर कदम उठाने होंगे। वैसे वर्तमान हालातों को देखकर संभव नही दिखता फिर भी शिक्षाविद् सरकार के बजट से तमाम उम्मीदें लगाए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में नौकरी का क्षेत्र बुनियाद के रूप में देखा जा सकता है। वर्तमान में सर्विस सेक्टर कुल जीडीपी में सबसे ज्यादा कंट्रीब्यूशन करता है। लेकिन आंकड़ों के अनुसार सर्विस सेकटर की वृद्धि भी कमजोर होने वाली है। ऐसे में सरकार को रोजगार के साधनों को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र पर ध्यान देना होगा जिससे सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर भी बढ़ सके। वहीं कृषि सेक्टर पर के लिए भी खास इंतजाम सरकार को करने होंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 10:49 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 06:11 AM (IST)
विकास और रोजगार पर हो फोकस, आर्थिक गिरावट रुके
विकास और रोजगार पर हो फोकस, आर्थिक गिरावट रुके

जासं, मैनपुरी: विकास दर कम हो रही है, जीडीपी भी निराशाजनक संदेश दे रही है। देश का युवा आज रोजगार के लिए परेशान हैं। विकास और रोजगार का मुद्दा आज का सबसे ज्वलंत विषय है। ऐसे मुद्दों पर सरकार को बजट में खास फोकस करना होगा। कृषि क्षेत्र की उपेक्षा को दूर करने के लिए भी ठोस उपाय करने होंगे। अर्थ व्यवस्था को संभालने के लिए सरकार को बजट में बेहतर कदम उठाने होंगे। वैसे, वर्तमान हालातों को देखकर संभव नही दिखता, फिर भी शिक्षाविद् सरकार के बजट से तमाम उम्मीदें लगाए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में नौकरी का क्षेत्र बुनियाद के रूप में देखा जा सकता है। वर्तमान में सर्विस सेक्टर कुल जीडीपी में सबसे ज्यादा कंट्रीब्यूशन करता है। लेकिन आंकड़ों के अनुसार, सर्विस सेकटर की वृद्धि भी कमजोर होने वाली है। ऐसे में सरकार को रोजगार के साधनों को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र पर ध्यान देना होगा, जिससे सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर भी बढ़ सके। वहीं, कृषि सेक्टर पर के लिए भी खास इंतजाम सरकार को करने होंगे।

loksabha election banner

वर्तमान में रोजगार का मुद्दा सबसे ज्वलंत है, सरकार को इस पर फोकस करना चाहिए। इससे विकास में एकरूपता आएगी। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वियत करने को भी बजट पर निगाह रहेगी। आज रोजगार की तमाम दिक्कतें युवाओं के सामने हैं, ऐसे में बेहतर बजट से उनकी उम्मीदों पूरी हो सकती हैं। सरकार को ग्रोथ के साथ विकास दर को बढ़ाने पर फोकस करना होगा। जीडीपी सुधारने के लिए भी सरकार को काम करना होगा। आर्थिक क्षेत्र में भी सुधारों के लिए बजट में प्रावधान होना जरूरी है। बजट से हर किसी युवा की उम्मीदें जुड़ी हैं। आयकर में और राहत देकर मध्यम वर्ग को खुशहाल बनाने का काम होना चाहिए।- प्रो. जय प्रकाश।

बजट में महिलाओं के वित्तीय समावेशन के लिए कदम उठाए जाने से बात बनेगी। सरकार महिला उद्यमियों, नौकरी पेशा करने वाली वुमेन के अनुकूल कदम उठाएगी तो ज्यादा-से-ज्यादा महिलाएं वित्तीय तंत्र में शामिल होंगी। इससे देश की इकोनॉमी को ही मदद मिलेगी। महिलाओं को टैक्स में अतिरिक्त छूट देने का काम भी बजट में होना चाहिए। गृहणियों के हित में भी कदम उठाए जाने की जरूरत है, उनके श्रमबल को मान्यता दिए जाने की जरूरत है क्योंकि उनकी भी ऊर्जा और मेहनत तो लग ही रही है। महिलाओं को नौकरी और सुविधाएं देने वाली कंपनियों को अतिरिक्त लाभ दिया जाना चाहिए। - डा. शैफाली।

इकोमोनिक सर्वे में अगले साल बेहतर ग्रोथ की उम्मीद जताई है, लेकिन इसके और सुधार के लिए सरकार को अपने खर्च की सीमा को और बढ़ाना चाहिए। बेहतर उम्मीदों को साकार करने के लिए सरकार को किसान, ग्रामीण क्षेत्र को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके अलावा आधारभूत संरचना पर काम करना चाहिए। सरकार को 2025 में पांच विलियन इकॉनामी हासिल करने के लिए भी खुद के खर्च का ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिए, इसके लिए नौ फीसद ग्रोथ रेट का होना जरूरी है। ऐसा तभी होगा, जब सरकार अपने खर्च को बढ़ाएगी। सरकार के इस बजट से हर किसी को राहत की उम्मीद भी नजर आती है। वैसे, सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे। - प्रो. विनयानंद यादव।

इंकम टैक्स प्रणाली में कई बड़े बदलाव किए जाने की आवश्यकता है। सरकार को इस आम बजट में आम आदमी की जेब पर फोकस करते हुए टैक्स प्रणाली में अहम बदलाव करने चाहिए। डिडक्शन लिमिट को डेढ़ से बढ़ाकर दो लाख किया जाए। इसी तरह दस फीसद की स्लैब पांच लाख के बाद आरंभ किया जाना चाहिए। वैसे बजट कड़ा होगा। विश्व में मंदी है और मांग कम है। सरकार के समक्ष तमाम चुनौतियां है। कंपनियों को टैक्स में भी सरकार को छूट का प्रावधान करना चहिए, जिससे उत्पादन बढ़ सके और मांग पूरी हो सके। आज तमाम उद्योग मंदी से जूझ रहे हैं, ऐसे में इनको संवारने की खास जरूर भी हैं। वैसे, बजट से हर किसी को काफी उम्मीदें हैं। - प्रो. राजीव रंजन।

बजट से उम्मीदें भी बहुत हैं तो चुनौतियां भी कम नहीं हैं। अभी आर्थिक हालात को लेकर आने वाली रिपोर्ट से खास नजर नहीं आता है। देश में आर्थिक गिरावट है, उसे रोकने के लिए सरकार को विकास दर बढ़ाने के लिए बजट में प्रावधान करना होगा, उसे रोकना होगा। वैसै, इसे लेकर बजट में सीमित ऑप्शन है। आज रोजगार को लेकर युवाओं के सामने अलग चिता है। टैक्स घट रहे हैं, आमदनी नहीं बढ़ रही। बजट में वैसे कुछ खास नहीं होगा। बजट में सरकार को जीडीपी सुधारने के लिए खास इंतजाम करने होंगे। बजट से देश की तमाम चिताओं का समाधान होगा। आर्थिक गिरावट को रोकने के लिए बजट में प्रावधान करना होगा।- प्रो. वीके सिंह।

बजट पर हर किसी की निगाह लगी है तो हर किसी को राहत की उम्मीद है। सरकार को आर्थिक क्षेत्र के लिए काम करना चाहिए, जिससे देश की अर्थव्यवस्था गति पकड़ सके। तमाम औद्योगिक संस्थान और उद्योग इस समय मंदी की चपेट में हैं। युवा भी रोजगार के अवसर नहीं होने से निराश नजर आते हैं। अर्थव्यवस्था खराब होने से देश की प्रगति बाधक होती है, इसलिए सरकार को औद्योगिक विकास के क्षेत्र के लिए बजट में खास प्रावधान करने की जरूरत है। देश मंदी से उबरेगा तो खुशहाल आएगी। सरकार को अपने संशाधनों को और विकसित करने की जरूरत है। देश की अर्थव्यवस्था के लिए अब सुधारों पर काम होना चाहिए। - प्रो. कौशलेंद्र दीक्षित।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.