जिला अस्पताल में गहराया चिकित्सकों का संकट
केस एक शहर के मुहल्ला राजीव गांधी नगर निवासी सोनल (
केस एक :
शहर के मुहल्ला राजीव गांधी नगर निवासी सोनल (8) पुत्री राजेश कुमार को खुजली की समस्या थी। परेशानी ज्यादा बढ़ने पर स्वजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। त्वचा रोग विशेषज्ञ के स्थानांतरण होने की वजह से बालिका को कमरा नंबर दो में भेज दिया गया। यहां दंत चिकित्सक डा. आलोक सिंह बैठे थे। उन्होंने परीक्षण कर दवा लिखी। केस दो :
मंगलवार की दोपहर पेट दर्द से परेशान बेवर के रघुपुरा निवासी 50 वर्षीय बलराज सिंह जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा। ओपीडी संभालने के बजाय फिजीशियन डा. जेजे राम को इमरजेंसी की ड्यूटी सौंपी गई थी। उन्होंने मरीज को दवा दी। यहां आने वाले अन्य मरीजों का वह ब्लड प्रेशर मापते रहे और ओआरएस के पैकेट बांटते रहे। जासं, मैनपुरी : पखवाडे़ भर से जिला अस्पताल की स्थिति बेहद चिताजनक हो चुकी है। एक साथ चार विशेषज्ञ चिकित्सकों का तबादला हो जाने से यहां स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी हैं। सोमवार को त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. गौरांग गुप्ता और अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. आदर्श सेंगर को भी रिलीव कर दिया गया। स्थिति यह है कि मौजूद डाक्टर से ही ओपीडी की सेवाओं का संचालन कराया जा रहा है। दंत रोग चिकित्सक को बुखार और त्वचा रोग से संबंधित मरीजों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एक अन्य दंत चिकित्सक को ओपीडी में बाल रोग चिकित्सक के कक्ष में बैठाया गया है। सर्जन से लेकर वरिष्ठ फिजीशियन को बतौर इमरजेंसी मेडिकल आफिसर इमरजेंसी में बैठाया जा रहा है। ऐसे में ओपीडी की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। ये आ रही है परेशानी
वरिष्ठ फिजीशियन डा. जेजे राम का कहना है कि उन्हें ड्यूटी करनी ही है, लेकिन ओपीडी में बैठकर वे ज्यादा मरीजों को उपचार दे सकते हैं। सर्जन डा. गौरव पारीख का कहना है कि ईएमओ बनकर वे मरीजों को वह उपचार नहीं दे पा रहे हैं जिसके लिए उन्हें भेजा गया है। ओपीडी में दिन भर में लगभग एक सैकड़ा मरीज पहुंचते हैं जबकि इमरजेंसी में यह संख्या बेहद कम रहती है। दंत चिकित्सक डा. आलोक का कहना है कि वे दांतों से संबंधित बीमारियों का उपचार बेहद अच्छे ढंग से कर सकते हैं। नहीं हैं ये विशेषज्ञ
जिला अस्पताल में पैथोलाजिस्ट, ईएनटी विशेषज्ञ, ह्दय रोग विशेषज्ञ, त्वचा रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, अस्थि रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, एनेस्थेटिक, रेडियोलाजिस्ट और वरिष्ठ परामर्शदाता की कमी बनी हुई है। हमारे पास विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। ईएमओ भी नहीं हैं। अस्पताल का संचालन करने के साथ मरीजों को भी उपचार देना है। जो चिकित्सक हैं, उनकी मदद से ही मरीजों को राहत देने का प्रयास किया जा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की मांग की गई है।
डा. अरविद कुमार गर्ग, सीमएस
जिला अस्पताल।