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एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से तड़पते रहे मरीज

केस एक बिछवां थाना क्षेत्र के गांव लहरा महुअन निवासी वर्षा (23) पत्नी कृष्ण कुमार को सोमव

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 06:03 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 06:03 AM (IST)
एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से तड़पते रहे मरीज
एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से तड़पते रहे मरीज

केस एक :

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बिछवां थाना क्षेत्र के गांव लहरा महुअन निवासी वर्षा (23) पत्नी कृष्ण कुमार को सोमवार की रात लगभग आठ बजे प्रसव पीड़ा बढ़ी तो स्वजन ने 102 एंबुलेंस पर फोन किया। एंबुलेंस कर्मियों ने हड़ताल की बात कहकर मना कर दिया। किराए पर ओमनी वेन की मदद से रात को ही 100 शैया अस्पताल लेकर आए थे। राहत मिलने के बाद फिर घर ले गए। मंगलवार की दोपहर लगभग 12 बजे दोबारा किराए की गाड़ी से अस्पताल लेकर पहुंचे। स्वजन का कहना है कि 108 एंबुलेंस सेवा पर फोन करने पर कोई सुनवाई नहीं हुई। केस दो :

शहर के मुहल्ला सौतियाना निवासी सविता सक्सेना (55) और सत्यप्रकाश (65) मारपीट में गंभीर रूप से घायल हो गए। हालत गंभीर देख प्राथमिक उपचार देने के बाद चिकित्सकों ने दोनों को सैफई अस्पताल के लिए रेफर कर दिया, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिल सकीं। स्वजन लगभग एक घंटे तक इंतजार करते रहे। उसके बाद प्राइवेट एंबुलेंस की मदद से दोनों मरीजों को सैफई ले गए। जासं, मैनपुरी :एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल की वजह से जिले में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गईं। मंगलवार की दोपहर तक मरीजों को समय पर वाहन की सुविधा न मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को हुई। उन्हें सुरक्षित प्रसव के लिए घर से अस्पतालों तक ले जाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा है। लेकिन हड़ताल के कारण कोई भी एंबुलेंस नहीं मिल सकी। नवजात को गोद में लेकर भटकते रहे स्वजन

मंगलवार को तो स्थितियां अजीब दिखीं। 100 शैया अस्पताल में डिलीवरी के बाद स्वस्थ होने पर जिन प्रसूताओं को डिस्चार्ज किया गया, उन्हें भी हड़ताल की वजह से एंबुलेंसों की सुविधा न मिल सकी। स्थिति यह है कि गोद में नवजात को लेकर स्वजन धूप में पैदल चलकर वाहनों को तलाशते दिखे। कई मरीजों को तो वाहनों के लिए इंतजार करना पड़ा। स्वजन ने स्वीकारा कि उनसे हुई गलती कुरावली थाने के गांव लखौरा निवासी शशिप्रभा पत्नी सुबोध कुमार को 25 जुलाई की शाम 100 शैया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां देर रात उन्होंने बालक को जन्म दिया था। जन्म के कुछ समय बाद ही बच्चे ही तबियत बिगड़ने लगी। चिकित्सक ने पहले तो बच्चे को हायर सेंटर रेफर कर दिया। लेकिन जब एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली तो उन्होंने कहीं भी न ले जाकर अस्पताल में ही उपचार दिलाने की सलाह दी थी। चिकित्सक की सलाह को स्वजन ने अनदेखा किया था और अपनी मर्जी से बच्चे को लेकर चल दिए थे। रास्ते में बच्चे की मौत हो गई थी। सुबोध कुमार का कहना है कि उनसे यह गलती हुई कि चिकित्सक की सलाह को अनदेखा किया। 100 शैया विग के बाल रोग विशेषज्ञ डा. संदीप कुमार का कहना है कि बच्चा साढे़ सात माह का था और जन्म के समय उसका वजन मात्र 1.50 किलो था जो खतरनाक श्रेणी में आता है। यहां हमारे पास फेंफड़ों को फुलाने के लिए दी जाने वाली सुविधा नहीं है। इसी वजह से बच्चे को रेफर कर दिया गया था। जब हड़ताल के कारण एंबुलेंस नहीं मिली तो बच्चे को यहीं रखने की सलाह दी थी। प्रशासन ने सख्ती से खत्म करा दी हड़ताल

मंगलवार की दोपहर लगभग दो बजे शहर के छोटा क्रिश्चियन मैदान में पुलिस और प्रशासन की हरकत तेज हो गई। यहां हड़ताल कर रहे एंबुलेंस कर्मियों से बात करने के लिए एसडीएम सदर ऋषिराज और सीओ सिटी अभय नारायण राय कोतवाली प्रभारी भानुप्रताप सिंह के साथ पहुंचे। पुलिस ने शासन की सख्ती दिखाकर उन्हें हड़ताल खत्म करने के लिए कहा। लगभग तीन बजे डीएम महेंद्र बहादुर सिंह और एसपी अशोक कुमार राय भी यहां पहुंच गए। डीएम ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के जिला पदाधिकारियों को पहले अलग कराया। बाद में कर्मचारियों को कार्रवाई का भय दिखाते हुए कहा कि यदि उन्होंने हड़ताल खत्म नहीं की तो सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। थोड़ी देर बाद पीएसी को भी यहां बुला लिया गया। लगभग एक घंटे तक चली माथापच्ची के बाद प्रशासन ने हड़ताल को खत्म कराया और अपनी मौजूदगी में ही एंबुलेंसों को फील्ड के लिए रवाना कर दिया। कर्मचारियों ने इस आश्वासन पर हड़ताल खत्म की है कि उनके किसी भी साथी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कराई जाएगी।

एंबुलेंस संगठन के अध्यक्ष बोले, खत्म नहीं हुई है हड़ताल: जीवनदायिनी एंबुलेंस संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार का कहना है कि प्रशासन के दबाव में हम लोगों ने छोटा क्रिश्चियन मैदान से अपनी एंबुलेंस हटा ली हैं, लेकिन हड़ताल खत्म करने के लिए प्रदेश स्तर से कोई निर्देश नहीं मिला है। जिले में संचालित होने वाली 54 एंबुलेंस में सिर्फ पांच 108 एंबुलेंस सेवा ही संचालित कराई जाएंगी। शेष सभी एंबुलेंस अपने-अपने निर्धारित प्वाइंट पर रहेंगी, जहां हमारे सभी साथी पहले की तरह हड़ताल पर ही रहेंगे।


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