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प्लाट बन रहे बीमारियों के पोषक, जिम्मेदार मौन

केस- एक सदर तहसील के सामने वाली गली में प्रवेश करते ही दुर्गध की वजह से लोगों को मुंह

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 06:57 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 06:57 AM (IST)
प्लाट बन रहे बीमारियों के पोषक, जिम्मेदार मौन
प्लाट बन रहे बीमारियों के पोषक, जिम्मेदार मौन

केस- एक: सदर तहसील के सामने वाली गली में प्रवेश करते ही दुर्गध की वजह से लोगों को मुंह पर रूमाल रखकर गुजरना पड़ता है। यहां कई प्लाट हैं, जिनमें लोग घरों का कचरा डालते हैं। बारिश के बाद इनमें जलभराव होने से पानी प्रदूषित हो गया है। इससे उठने वाली दुर्गध नागरिकों को बीमार बनाने के लिए काफी है।

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केस-दो: शहर के चांदेश्वर रोड नई बस्ती के हालात तो और भी जुदा हैं। यहां भी दर्जनों प्लाट सालों से यूं ही पड़े हैं। नालियां न होने से घरों से निकलने वाला गंदा पानी इन्हीं प्लाट में जमा होता रहता है। सालों से जमा पानी की वजह से अब हरे रंग की काई सी पानी के ऊपर नजर आने लगी है। बदबू की वजह से नागरिकों को दरवाजा बंद करके रहना पड़ता है।

केस- तीन: शहर के करहल चौराहे के पास अग्रवाल मुहल्ला है। यहां भी प्लाटों में बिखरा कचरा बारिश की वजह से सड़ने लगा है, जिससे यहां हर समय बदबू बनी रहती है।

केस- चार: शहर के रामलीला मैदान के पास शिवनगर है। यहां तमाम स्थानों पर गंदा पानी और कचरा ही नजर आता है। कच्चे रास्ते बारिश में दल-दल बन जाते हैं। यहां कई प्लाट डस्टबिन बना दिए हैं। यहां गंदगी से संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। जासं, मैनपुरी: शहर में ऐसे एक-दो नहीं, दर्जनों की संख्या में प्लाट अब गंदगी और जलभराव का ठिकाना बन चुके हैं। आसपास के घरों से फेंकी गई गंदगी पर आवारा जानवर विचरण करते रहते हैं। बारिश की वजह से अब यह गंदगी सड़ने लगी है, जिससे यहां का माहौल प्रदूषित बना हुआ है।

शहर में ऐसे नजारे हर गली और मुहल्ले में नजर आते हैं। पालिका में शामिल ग्राम पंचायतों का हाल तो और भी खराब है। शहर के बाहरी इलाकों के मुहल्ले अब गंदगी के पोषक बन गए हैं। नालियों का अभाव जलभराव और गंदगी की समस्या को और बढ़ाता है।

नागरिकों की बात:

मुहल्ले के कई प्लाटों में जलभराव होने से मच्छर दिन-रात परेशान कर रहे हैं। दुर्गध की वजह से लोगों को संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है।अनूप कुमार।

बारिश का पानी अब सड़ने लगा है। धूप निकलने से बदबू हवा के साथ घरों में पहुंच रही है, जिससे काफी परेशानी हो रही है। समस्या का समाधान न तो पालिका कर रही और न प्रशासन ही सुन रहा। जीतू।

प्लाटों में भरा गंदा पानी अब सड़ाध देने लगा है। इस पानी का रंग भी अब हरा हो गया है। मच्छर पैदा हो रहे हैं, पता नहीं पालिका के कर्मचारी कहां सफाई करते हैं। वातावरण प्रदूषित हो गया है। हरीओम बाबा।

कई प्लाटों में पड़ा कूड़ा बारिश की वजह से सड़ रहा है। जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इनकी सफाई कराई जाए, ताकि संक्रामक बीमारियां न फैल सकें। रजनीश चौहान।

मंडलायुक्त ने ये दिए थे निर्देश: तीन दिन जिले के दौरे पर आए मंडलायुक्त अमित गुप्ता ने सभी निकायों के अधिशासी अधिकारियों को प्लाट के मालिकों से इनको सही रखने को समझाने को कहा है। नहीं मानने पर नोटिस देने को कहा है।

शहर के ऐसे प्लाटों को चिन्हित कराया जाएगा। मालिकों को चहारदीवारी बनाने को कहा जाएगा। बात नहीं मानने पर मालिकों को नोटिस दिए जाएंगे। आयुक्त के निर्देशों पर अमल कराया जाएगा। -लालचंद भारती, अधिशासी अधिकारी।


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