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पांच लोगों में मिला डेंगू बुखार, दो अस्पताल में भर्ती

मौसम में भले ही बदलाव हो गया हो लेकिन डेंगू का हमला कम नहीं हो रहा है। चौबीस घंटे में पांच नए लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें से दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि बाकी निजी अस्पतालों में उपचार ले रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में डेंगू के दो दर्जन मरीजों को उपचार दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 04:15 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 04:15 AM (IST)
पांच लोगों में मिला डेंगू बुखार, दो अस्पताल में भर्ती
पांच लोगों में मिला डेंगू बुखार, दो अस्पताल में भर्ती

जासं, मैनपुरी: मौसम में भले ही बदलाव हो गया हो, लेकिन डेंगू का हमला कम नहीं हो रहा है। चौबीस घंटे में पांच नए लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें से दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि बाकी निजी अस्पतालों में उपचार ले रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में डेंगू के दो दर्जन मरीजों को उपचार दिया जा रहा है।

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स्वास्थ्य विभाग की मानें तो अगस्त से अक्टूबर तक डेंगू जोर पकड़ता है। उसके बाद मच्छरों का लार्वा स्वत: ही खत्म होने लगता है, लेकिन इस बार तो डेंगू सबसे ज्यादा टेंशन दे रहा है। चौबीस घंटे में बुखार के मरीजों की कराई गई जांच में पांच लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। दो मरीज ही अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस समय जिला अस्पताल के अलग-अलग वार्ड में दो दर्जन डेंगू मरीज भर्ती हैं।

स्थिति यह है कि अस्पताल प्रशासन डेंगू से जुड़ी जानकारी को छिपाने में लगा हुआ है। यही वजह है कि मरीजों को अलग-अलग बिस्तरों पर बुखार पीड़ित दर्शाकर भर्ती किया जा रहा है। सीएमओ डा. पीपी सिंह का कहना है कि यदि किसी को दो दिन से बुखार आ रहा है तो वे अनदेखी न करें। झोलाछाप या निजी चिकित्सक के पास जाने के बजाय सीधे जिला अस्पताल आकर उपचार लें। अब स्वतंत्र लैब में होंगी रक्त की जांच

जासं, मैनपुरी: रक्त की ज्यादातर जांच की सुविधा के लिए अब लैब को नए सिरे से विस्तार दिया गया है। पुराने होम्योपैथी कक्ष में पीओसीटी (प्वाइंट आफ केयर टेस्टिग) लैब को स्थानांतरित कर संचालन आरंभ करा दिया गया है।

जिला अस्पताल में लैब का संचालन कराया जा रहा है। मरीजों की सुविधा को देखते हुए शासन द्वारा लैब में उपकरण व अन्य सामग्री को बढ़ाया गया था। जगह कम होने की वजह से सभी मशीनों का इस्तेमाल करने में कठिनाई आ रही थी। कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से अतिरिक्त स्थान उपलब्ध कराए जाने की मांग की जा रही थी।

अब अस्पताल प्रशासन ने परिसर में ही बंद पडे़ पुराने होम्योपैथी अस्पताल के कक्ष की मरम्मत कराकर यहां मशीनों को स्थापित कराया है। फिलहाल इस लैब की जिम्मेदारी वरिष्ठ लैब तकनीशियन टीसी भारती को सौपी गई है। उनका कहना है कि इस लैब में सिर्फ सैंपलिग या जांच से संबंधित काम ही कराया जाएगा। मरीज या फिर किसी अन्य की आवाजाही पर पाबंदी रहेगी। पुरानी लैब के कक्ष को पूछताछ कक्ष बनाया जाएगा। मरीजों की कागजी औपचारिकता से संबंधित सारे कार्य उसी कक्ष में कराए जाएंगे।

सीएमएस डा. अरविद कुमार गर्ग का कहना है कि मरीजों की सुविधा को देखते हुए यह व्यवस्था कराई गई है। यहां सभी प्रकार की रक्त जांचों के अलावा अन्य जांचों की भी सुविधा मिलेगी।


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