दौदापुर पाठशाला में बच्चों को परोसी दाल-रोटी
ग्राम पंचायत दौदापुर की पाठशाला में अस्थाई रसोइया ने मिड-डे मील बनाया। शिक्षण को आए पंजीकृत
संसू, बेवर: ग्राम पंचायत दौदापुर की पाठशाला में अस्थाई रसोइया ने मिड-डे मील बनाया। शिक्षण को आए पंजीकृत 80 में से 37 ने दाल-रोटी का स्वाद लिया। रसोइया ने ही जूठे बर्तन साफ किए। अब ग्रामीण विवाद समाप्त करने की पहल में जुट गए हैं तो खंड शिक्षा अधिकारी भी समाधान में लगे हुए हैं।
बीते सप्ताह सीडीओ विनोद कुमार ने डीएम के निर्देश पर विद्यालय पहुंच कर जांच की थी। मध्याह्न भोजन को खुद चखकर देखा। प्रधानाध्यापिका को एमडीएम की खराब क्वालिटी पर फटकार लगाई, छात्र-छात्राओं से अलग-अलग बातचीत की। दोनों रसोइया लक्ष्मीदेवी और सोनवती के बयान लिए। जांच में मामला रसोइया द्वारा अनुसूचित जाति के बच्चों के बर्तनों को धोने से इन्कार करने का पाया गया। इस पर दोनों रसोइया विद्यालय प्रबंध समिति से प्रस्ताव कराकर बर्खास्त कर दिया गया, जबकि प्रधानाध्यापिका को कर्तव्य में लापरवाही पर निलंबित किया गया।
इधर, गुरुवार को अवकाश के बाद पाठशाला में शिक्षण के लिए 37 बच्चे आए। इनमें पांच सामान्य और बाकी अन्य वर्ग के रहे। एक सहायक शिक्षक और शिक्षामित्र ने इनको पढ़ाया, जबकि अस्थाई रूप से रखी गई रसोइया कोमल और ऋतु ने बच्चों के लिए मैन्यू के अनुसार दाल और रोटी बनाई। अब जल्द ही स्थाई रसोइया का इंतजाम करने की कार्रवाई होगी।
बीईओ ने संभाला इंतजाम-
विवाद के बाद अब मामला शांत हो रहा है। पाठशाला से जुड़े इंतजामों को खुद खंड शिक्षा अधिकारी अनुपम शुक्ला संभाल रहे हैं। बच्चों को शिक्षण के लिए पाठशाला भेजने के लिए अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताया जा रहा है।