रेलवे ट्रैक की सुरक्षा का जायजा लेने आएगी टीम
शिकोहाबाद-फर्रुखाबाद रेल रूट पर ग्रीन सिग्नल के बाद इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ेंगी ट्रेनें
संसू, भोगांव: रेल रूट विद्युतीकरण की प्रक्रिया में यात्रियों की संरक्षा से जुड़े अहम मानकों की पड़ताल के लिए रेलवे संरक्षा आयुक्त की टीम औचक निरीक्षण करेगी। टीम की हरी झंडी के बाद ही ट्रेनों का संचालन बिजली इंजन से शुरू होगा। सीआरएस की टीम निरीक्षण से पहले पूरे रूट से संबंधित जानकारी जुटाने के लिए अभिलेखों को तलब करेगी।
जिले से होकर गुजरने वाले 106 किमी लंबे शिकोहाबाद-फर्रुखाबाद रेल रूट के विद्युतीकरण की प्रक्रिया गतिमान है। इस रूट के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम एक साल में पूरा होने की संभावना है। काम पूरा होने से पहले ट्रेनों के परिचालन के लिए बेहद जरूरी संरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। ट्रैक पर विद्युतीकरण की प्रक्रिया का जायजा लेने के लिए रेलवे संरक्षा आयुक्त नादर्न इस्टर्न जोन की टीम निरीक्षण करेगी। सीआरएस की टीम निरीक्षण के दौरान ट्रेनों के परिचालन में सुरक्षा मानकों की गहनता से जानकारी जुटाएगी। इस टीम के ग्रीन सिग्नल के बाद ही ट्रेनों का संचालन डीजल इंजन से शुरू हो पाना संभव होगा। सीआरएस के निरीक्षण के लिए केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन के अधिकारी पहले उन्हें पूरा ब्योरा मुहैया कराएंगे। अभिलेखों में गहनता से जांच के बाद सीआरएस की टीम निरीक्षण के लिए जिले में आएगी।
रेलवे संरक्षा आयुक्त की टीम का निरीक्षण अहम होगा। टीम की रिपोर्ट के बाद ही ट्रैक के विद्युतीकरण को मानक के अनुरूप माना जाएगा। सीआरएस की टीम के निरीक्षण से पहले विद्युतीकरण की प्रक्रिया में जरूरी मानकों के अनुसार काम कराने के निर्देश अधीनस्थों को दिए गए हैं।
रत्नेश द्विवेदी, उप मुख्य विद्युत अभियंता, लखनऊ