Move to Jagran APP

कोरोना संक्रमण ने रोके विदेशी मेहमानों के कदम

जसराजपुर राजघाट में दस महीने से विदेशियों के इंतजार में बौद्ध बिहार और मंदिर सूने पड़े हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 04:25 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 04:25 AM (IST)
कोरोना संक्रमण ने रोके विदेशी मेहमानों के कदम
कोरोना संक्रमण ने रोके विदेशी मेहमानों के कदम

हिमांशू यादव, भोगांव, मैनपुरी: जसराजपुर राजघाट। ये वह दर है जहां के कण-कण में आस्था समाहित है। बौद्ध की पवित्र तीर्थस्थली संकिसा से सटे गांव जसराजपुर में अब विदेशी मेहमानों का इंतजार है। कोरोना की दहशत से विदेशी मेहमानों के कदम रुकते ही यहां के बौद्ध बिहारों और मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। सूने दर श्रद्धालुओं की राह ताक रहे हैं।

loksabha election banner

बौद्ध धर्म की ऐतिहासिक और पौराणिक तीर्थ स्थलीय संकिसा में आने वाले विदेशी मेहमान जसराजपुर राजघाट में बने बौद्ध बिहारों और मंदिरों का दीदार करने जरूर आते हैं। यहां पर विदेशी कारीगरों द्वारा निर्मित कंबोडिया मंदिर और दुनिया के सबसे ऊंचे अशोक गज स्तंभ को निहारने के लिए कई देशों के श्रद्धालु भी आते हैं, लेकिन कोरोना काल में अचानक विदेशियों के कदम रुक गए। अब बौद्ध बिहारों और मंदिरों में विदेशियों के आगमन का इंतजार हो रहा है। ज्यादातर बौद्ध बिहार का संचालन करने वाले विदेशी संस्थाओं के जिम्मेदार अपने देशों से अब तक जसराजपुर वापस नहीं आए हैं। जसराजपुर की सड़कें श्रद्धा से लबरेज विदेशियों की पदचाप सुनने को बेताब हैं। विदेशियों का आगमन न होने से यहां बौद्ध बिहारों के संचालन में जिम्मेदारों को परेशानियां आने लगी हैं। हर आते हैं हजारों श्रद्धालु

जसराजपुर राजघाट और संकिसा में हर साल हजारों श्रद्धालु बौद्ध दर्शन से रूबरू होने आते हैं। यहां श्रीलंका, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, थाईलैंड, जापान, ताइबान, तिब्बत, मंगोलिया, मलेशिया, वियतनाम, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, कंबोडिया, नीदरलैंड आदि देशों से बौद्ध धर्मावलंबी आते हैं। दर्शनीय स्थल

-अशोक गजस्तंभ, बाईवीएस सेंटर

-कंबोडियन मंदिर

-शाक्यमुनि बुद्ध बिहार

-अनंत मित्ता बुद्ध बिहार म्यांमार

-धम्मा सेंटर कोरिया

-अशोकाराम बुद्ध बिहार

विदेशी श्रद्धालुओं की संकिसा और जसराजपुर में विशेष आस्था है। कोरोना के खौफ के चलते बीते दस महीने से विदेशियों की आमद नहीं हो पा रही है। अब बंदिशें हटने के बाद आने वाले दिनों में बौद्ध बिहारों में विदेशी मेहमानों का आगमन शुरू होने की संभावना है।

भंते डा. उपनंद थैरो, राष्ट्रीय महासचिव वाईबीएस सेंटर जसराजपुर राजघाट।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.