आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिया धरना, जमकर की नारेबाजी
कलक्ट्रेट के तिकोनिया पार्क में जुटी भीड़ मुख्यमंत्री को भेजा मांगपत्र पुलिस ने मांगा अनुमति पत्र
जासं, मैनपुरी: समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग को लेकर धरने पर बैठीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। कार्यकर्ताओं ने सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र प्रशासन को सौंपा है।
कलक्ट्रेट के तिकोनिया पार्क में सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के दो अलग-अलग गुटों ने आमने-सामने बैठकर धरना दिया। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष ममता चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की गई है। हर बार झूठा आश्वासन दिया गया। बताया कि मातृ समिति के खाते बैंकों में खुलवाए गए हैं। अन्नप्रासन और गोदभराई की धनराशि बैंकों द्वारा बैलेंस चार्ज के रूप में काटी जा रही है, इसे बंद कराया जाए। कार्यकर्ता को 10 हजार रुपये मासिक मानदेय उपलब्ध कराया जाए। केंद्रों के भवन के किराए का भुगतान भी नहीं कराया जा रहा है। कार्यकर्ता ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
दूसरे गुट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन के समर्थन वाली कार्यकर्ताओं ने भी विरोध जताया। जिलाध्यक्ष सरिता शाक्य ने कहा कि सरकार हमारी भावनाओं को आहत करने में लगी है। कार्यकर्ता को विभिन्न योजनाओं की जिम्मेदारी तो सौंपी जाती है, लेकिन सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जाता है। अब सरकार ने यदि हमारी मांगों की अनदेखी की तो हम आंदोलन करने को मजबूर होंगे। बगैर अनुमति जुटी लगभग दो सैकड़ा की भीड़
लाउडस्पीकर की तेज आवाज और एक साथ भीड़ जमा होने की सूचना पर पुलिस अधिकारी भी धरना स्थल पर पहुंच गए। सब इंस्पेक्टर राधा शर्मा ने दोनों ही गुटों के पदाधिकारियों से लिखित अनुमति का पत्र मांगा तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। धारा-144 और कोविड प्रोटोकाल लागू होने के बावजूद बड़ी संख्या में भीड़ की सूचना पुलिस अधिकारियों को दी गई, लेकिन दोपहर एक बजे तक धरना स्थल से भीड़ खाली नहीं कराई गई थी। ताक पर रहा कोविड प्रोटोकाल
धरना-प्रदर्शन में कोविड प्रोटोकाल का भी उल्लंघन होता रहा। संक्रमण के बावजूद किसी भी कार्यकर्ता ने मास्क नहीं लगाया था। शारीरिक दूरी का ख्याल भी नहीं रखा गया था।