सीएमएस ने थामी बागडोर, सुधरने लगा अस्पताल
इमरजेंसी और इनडोर का दिन में तीन बार निरीक्षण कर रहे हैं। कामचोर कर्मचारियों का पसीना छूटने लगा है।
जासं, मैनपुरी : जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में अब सुधार होने लगा है। सीएमएस के कार्यभार संभालते ही घाघ कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश लग गया है। दिन में तीन बार निरीक्षण करने के साथ व्यवस्थाओं की भी बेहतर ढंग से पड़ताल की जा रही है।
जिला अस्पताल में सीएमएस का पद रिक्त होने की वजह से परेशानी चल रही थी। शासन द्वारा एटा से डा. अरविद कुमार गर्ग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। चार्ज संभालने के साथ अब सीएमएस ने खामियों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है। प्रतिदिन इमरजेंसी और इनडोर वार्ड में तीन-तीन बार समीक्षा कर रहे हैं। मरीजों से उपचार की जानकारी ले रहे हैं। व्यवस्था में बदलाव करते हुए निरीक्षण के समय एक फिजीशियन, सर्जन और मेट्रन को साथ रहने के निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश के बावजूद अस्पताल का संचालन कराया।
दोपहर में रेडियोलाजिस्ट एवं सर्जन डा. गौरव पारीख व फिजीशियन डा. जेजे राम के साथ इमरजेंसी का निरीक्षण किया। यहां मरीजों से बात कर उनकी सेहत की जानकारी जुटाई। स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इमरजेंसी की जिम्मेदारी ईएमओ की ही होगी। जो भी ड्यूटी इंचार्ज होंगे, उन्हें यह देखना होगा कि इमरजेंसी में किसी भी बात की कमी न हो। यदि उपचार में लापरवाही मिलती है तो सख्ती की जाएगी।
स्टाफ नर्सों से मांगा सहयोग
सीएमएस ने शुक्रवार की दोपहर सभी स्टाफ नर्सों व पैरामेडिकल स्टाफ से कक्ष में बैठक की। उन्होंने कहा कि मरीजों की सेवा में जो भी जरूरी है वह सभी कार्य करें। यदि किसी भी नर्स को समस्या है तो वे सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं। अस्पताल के लिए बेहतर सुझाव भी स्वीकार होंगे।
अस्पताल के प्रत्येक कर्मचारी को समझ लेना चाहिए कि काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीजों को उपचार देना है। इसके लिए मनमाना रवैया सभी को छोड़ना होगा।
डा. अरविद कुमार गर्ग, सीएमएस।