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शीतला धाम में स्वच्छ भारत अभियान की निकली हवा

वर्षों से जलभराव से जूझ रही रमईहार की सड़क नगला अभई में उफन रहीं नालियां सभासद ने अपने चहेतों के घरों के आसपास लगीं लाइटें अंधेरे में डूबे कई क्षेत्र।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 09:39 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 09:39 PM (IST)
शीतला धाम में स्वच्छ भारत अभियान की निकली हवा
शीतला धाम में स्वच्छ भारत अभियान की निकली हवा

मैनपुरी, जागरण संवाददाता। वार्ड नंबर छह, शीतलाधाम। नगर पालिका का सबसे बड़ा वार्ड है, लेकिन पूरे वार्ड में डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में सभासद ने कोई विकास कार्य नहीं कराया। वर्षों से जलभराव की समस्या से जूझता रमईहार अब भी बदहाल है। नगला अभई की स्थिति भी बदतर है। न तो सड़कें बन सकीं और न ही नालियों का निर्माण कराया। चारों ओर गंदगी और जलभराव से पटे रास्ते स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोल रहे हैं।

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शीतलाधाम वार्ड में विकास के नाम पर मजाक किया गया है। रमईहार में लगभग 150 मीटर लंबी सीसी सड़क पिछले चार वर्षों से जलभराव से जूझ रही है। नजदीक ही बने तालाब की गंदगी सबसे बड़ी समस्या है। नगला अभई में सफाई कर्मचारी नहीं पहुंचता है। पूरे गांव की नालियां उफन रही हैं। सड़कों पर गंदा पानी भरा रहता है। लोगों का कहना है कि कई बार उन्होंने इसकी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लाइटें लगीं न रखवाए कूडे़दान

वार्ड में लाइटों के इंतजाम भी नहीं कराए गए हैं। आरोप है कि सभासद ने अपने चहेतों के घरों के आसपास तो लाइटें लगवा दीं, लेकिन कई मार्गों पर अंधेरा पसरा हुआ है। वार्डों में एक भी कूड़ादान नहीं रखवाया गया है। बोले लोग कोई सुनने वाला नहीं है। गंदगी भरे रास्ते के बीच से होकर ही गुजरना पड़ता है। वर्षों से यही हालात हैं। कई बार शिकायतें कीं लेकिन कुछ नहीं हुआ।

विनोद। इससे तो बेहतर था कि ग्राम पंचायत में ही रहने देते। पालिका क्षेत्र में शामिल तो कर दिया है लेकिन सुविधाओं के नाम पर आज तक कुछ नहीं दिया।

वीनेश। आज तक पूरे गांव में सफाई कर्मचारी नहीं आया। अभई और ताबेपुर तो गंदगी से जूझ रहे हैं। लोगों को खुद ही नालियों से कचरा बाहर निकालना पड़ता है।

मनसुख। पूरे गांव में कहीं भी लाइट नहीं लगवाई गई है। जिन खंभों पर लाइटें हैं वे भी खराब पड़ी हैं। अंधेरे में आए दिन जलभराव के बीच लोग फिसलकर गिरते हैं।

बृजराज। हमने जो भी प्रस्ताव बोर्ड में रखे, उन पर मुहर ही नहीं लग पाई है। फिर आचार संहिता के कारण विकास कार्य अवरुद्ध हो गए। आचार संहिता हटने के बाद सबसे पहले जलनिकासी कराई जाएगी।

विशंभर, सभासद।

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