अतुलनीय हैं बौद्ध धर्म के संस्कार और विचार
तर्क और कसौटी पर खरा उतरने वाले बौद्ध धर्म का ध्यान अतुलनीय है। बौद्ध धर्म की मा
मैनपुरी, जासं : तर्क और कसौटी पर खरा उतरने वाले बौद्ध धर्म का ध्यान अतुलनीय है। बौद्ध धर्म की मान्यता दुनिया के कई देशों में लगातार बढ़ती जा रही है। भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन से सीख लेकर व्यक्ति को समाज हित में काम करना चाहिए। ये बात पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव ने क्षेत्र के गांव रामनगर अहिरवा में भिक्षुणी धम्म प्रिया की स्मृति में बनवाई गई भगवान बुद्ध की प्रतिमा के अनावरण समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म की शिक्षा आज के दौर में बेहद जरूरी है। मानवता के कल्याण के लिए भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व समुदाय को मैत्रीयता और करूणा का पाठ पढ़ाकर समाज को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया। उनके आदर्शों से सीख लेकर समाज में सदभाव की भावना को मजबूत बनाने का प्रयास करना चाहिए। इससे पहले पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री आलोक शाक्य, सपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव, महासचिव रामनरायन बाथम, देवेंद्र सिंह एडवोकेट आदि ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा का अनावरण कर पुष्प अर्पण किया। इस दौरान विश्वनाथ प्रजापति अश्वनी शाक्य, लज्जाराम शाक्य, अमित शाक्य, राकेश ठाकुर, योगेंद्र पाल, सुभाष बौद्ध, ईश्वर दयाल बौद्ध, प्रेम कुमार शाक्य, सुचेता शाक्य, कृष्णादास लोधी, रावल सिंह यादव, महादीप शाक्य, सतेंद्र शाक्य, मानवेंद्र यादव, सोबरन शाक्य, श्यामकरन शाक्य, अवनीश शाक्य, बेचेलाल शाक्य, सोनू पाल, जितेंद्र यादव मौजूद रहे। पुरानी पेंशन व नियमितीकरण को जारी है विरोध:
पुरानी पेंशन की मांग और नियमितीकरण की मांग को लेकर विरोध कर रहे कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर काम किया। अब चेतावनी दी है कि यदि कोई सुनवाई नहीं होती है तो 18 मार्च से सामूहिक अवकाश पर रहकर विरोध जताया जाएगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के तहत पदाधिकारियों की बैठक शनिवार को जिला अस्पताल परिसर में हुई। अध्यक्ष अवधेश यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन की मांग को लेकर लंबे समय से आवाज बुलंद की जा रही है। बावजूद इसके सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। विरोध में सभी राज्य कर्मचारी 19 फरवरी से काला फीता बांधकर काम कर रहे हैं।
मंडलीय सचिव शिवमंगल सिंह ने कहा कि नई पेंशन किसी भी कर्मचारी को स्वीकार्य नहीं है। निजीकरण, आउटसोर्सिंग एवं ठेकेदारी व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त कर रिक्त पडे़ पदों पर समायोजन कराया जाए। राज्य कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की भांति सभी प्रकार के वेतन भत्ते प्रदान किए जाएं। आठ, 16 और 24 वर्ष की सेवा पर सभी कर्मचारियों को तीन पदोन्नति वेतनमान दिये जाएं। उपार्जित अवकाश के संचय की 300 दिन की सीलिग समाप्त की जाए। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं होती है तो वे 18 मार्च से सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।
बैठक में प्रभारी अधिकारी फार्मेसी ऋषि प्रकाश यादव, बीपी मसीह, अंकुर मिश्रा, मोहित मिश्रा, रवि शुक्ला, जितेंद्र कुमार यादव आदि उपस्थित थे।