कागजों पर साफ होता रहा भटानी का तालाब
नगला भटानी का तालाब बदहाल रकबा भी कम हो गया। इससे किसानों के अलावा पशु और पक्षी भी परेशान हैं।
संसू, दन्नाहार, मैनपुरी: गांव के तालाब की खोदाई होते समय ग्रामीण खुश थे कि अब उसमें पानी भरा जाएगा। इससे पशुओं के साथ पक्षियों को राहत मिल जाएगी। कागजों में तो यह हुआ, पर धरातल पर आज तक ऐसा नहीं हो सका।
क्षेत्र के ग्राम पंचायत भटानी में दो तालाब हैं, जिनकी खोदाई कागजों में दर्शा कर धनराशि निकाल ली गई, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने निरीक्षण कर पानी भरवाना उचित तक नही समझा। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व दिशा का तालाब पांच बीघा से कम नहीं था, लेकिन अब डेढ़ बीघा रह गया है। इस तालाब की खोदाई 13 वर्ष पूर्व की गई थी। उस समय मिथलेश चौहान प्रधान थी। उसके बाद जनवरी-फरवरी माह में खोदाई के नाम पर खानापूर्ति कर धनराशि निकाल ली गई। दूसरी बार भी न तो सुंदरीकरण हुआ और न आज तक उसमें पानी भरा गया। तालाब खोदाई की जांच हुई तो पोल खुल जाएगी। दोबारा खोदाई के नाम पर भी खानापूर्ति कर अधिकारियों के तालमेल के चलते धनराशि निकाल ली, लेकिन कार्य नही हुआ। तालाब की खोदाई 13 साल पहले हुई थी। इसमें आज तक पानी नहीं भरा गया और न उसका सुंदरीकरण कराया गया। कई बार यह तालाब कागजों में खुदा है।
जागेश्वर सिंह। तालाब की खोदाई होने के बाद उसका सुंदरीकरण भी कराया जाए। गर्मियों में पानी का भराव किया जाए, जिससे गांव का जलस्तर बढ़ सके।
मनोज कुमार। तालाबों खोदाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है, जबकि सरकार जलस्तर को बढ़ाने के लिए काफी प्रयास कर रही है। अधिकारी धनराशि का बंदरबांट कर रहे हैं।
-सहदेव सिंह चौहान।