मौसम की तपिश ने बढ़ाया इन्फेक्शन
40 डिग्री सेल्सियस तापमान उस पर उमस भरी गर्मी। अब शरीर को नुकसान पहुंचाने
जासं, मैनपुरी : 40 डिग्री सेल्सियस तापमान, उस पर उमस भरी गर्मी। अब शरीर को नुकसान पहुंचाने लगी है। खासकर स्किन इन्फेक्शन से संबंधित मामले बढे़ हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों में 40 फीसद मरीज दाद और खुजली की समस्या से परेशान हैं।
पखवाडे़ भर से उमस भरी गर्मी ने सबका सुकून छीन रखा है। ऐसे में बीमारियां बढ़ रही हैं। जिला अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. गौरांग गुप्ता का कहना है कि मौसम में उमस बढ़ने से शरीर में पसीना ज्यादा आता है। चिपचिपा शरीर होने पर पसीने की वजह से उस स्थान पर हल्के रैसेज पड़ना शुरू हो जाते हैं। जो बाद में खुजली का रूप ले लेते हैं। शुरुआत में तो खुजली बेहद हल्की होती है, लेकिन बाद में यह विकराल होती जाती है। लगातार पसीना आने और सूखने से उस स्थान पर दाद बन जाती है। यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है।
दाद में खुजली के साथ खून भी आने लगता है, जो बाद में चिताजनक बनता है। ओपीडी में इन दिनों लगभग 100 से 150 मरीज रोजाना आ रहे हैं। सबसे ज्यादा स्किन संबंधित समस्याओं से परेशान हैं। ज्यादातर को खुजली है। महिलाएं खुजली की समस्या से सबसे ज्यादा परेशान होती हैं। बेहतर है कि समय पर ही इसका उपचार कराएं ताकि इंफेक्शन ज्यादा न फैले। कोविड से ठीक हुए मरीज बरतें ज्यादा सावधानी
डा. गुप्ता का कहना है कि कोरोना से ठीक हुए मरीज और पोस्ट कोविड समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को इस मौसम में खास देखभाल की जरूरत है। धूप में जाने से उन्हें बचना चाहिए। पोस्ट कोविड मामलों में विपरीत मौसम त्वचा को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। कई प्रकार की समस्याएं ऐसे मरीजों में देखने को मिल रही हैं। हालांकि, सामान्य उपचार से ही राहत भी मिलती है, लेकिन शुरुआत में परेशानी हो सकती है। इन बातों का रखें ख्याल
- त्वचा को जितना हो सके सूखा रखने की कोशिश करें।
- अच्छी कंपनियों के मेडिकेटेड पावडर का इस्तेमाल करें ताकि खुजली की समस्या न हो।
- गर्मी में हल्के, ढीले और सूती कपडे़ पहनें ताकि पसीना सूखता रहे।
- ज्यादातर स्किन फिट जींस का इस्तेमाल करने वालों में कमर के निचले हिस्से में दाद और खुजली की समस्या होती है।
- पूर्वान्ह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक धूप में जाने से बचें।
- जरूरी हो तो स्कार्फ, ग्लब्स, छाता या गमछा आदि का इस्तेमाल करें।