सचिवों को मूल वेतन पर भेजने की चेतावनी
शासन से आए विकास कार्यो के धन का हिसाब देने में लगातार लापरवाही बरत रह
जासं, मैनपुरी: शासन से आए विकास कार्यो के धन का हिसाब देने में लगातार लापरवाही बरत रहे 22 ग्राम पंचायतों के सचिवों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। पंचायत राज विभाग ने इनको मूल वेतन पर भेजने की चेतावनी दी है। मामला वित्तीय वर्ष 2011-12 का है। विभाग पहले ही प्रधानों को नोटिस जारी कर चुका है।
शासन से ग्राम पंचायतों को विकास कार्यो और अन्य मदों के लिए धनराशि मुहैया करायी जाती है। इस धनराशि का हिसाब लेने के लिए सालाना आडिट का भी प्रविधान है। ऐसा ही मामला वित्तीय वर्ष 2011-12 का जिला पंचायत राज विभाग के गले की फांस बना हुआ है। इस वित्तीय वर्ष में धनराशि लेने वाली 51 ग्राम पंचायतों ने खर्च का आडिट नहीं कराया तो मामला शासन तक जा पहुंचा। हाल ही में विधानसभा की समिति के सामने भी जिले के अधिकारियों की हाजिरी हो चुकी है।
22 पंचायतों ने नहीं दिया हिसाब
समिति के सामने पेश होने के बाद मामले को लेकर जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारियों ने संबंधित सचिव और पूर्व प्रधानों को नोटिस दिए तो खलबली मच गई। पुराने कागजात खंगालने का काम शुरू हुआ तो 29 ग्राम पंचायतों के कागजात जुटाए जा सके, जबकि 22 ग्राम पंचायत की आडिट रिपोर्ट तो आज तक पूरी नहीं हो सकी है।
ये हैं मामले-
वित्तीय वर्ष 2011-12 में छात्रवृत्ति, सामान खरीद, विकास कार्य के अलावा दूसरी मदों में धन खर्च किया गया। ऐसे मामलों के बिल-वाउचर नहीं होने से आडिट नहीं हो सका है।
अब तलाशे जा रहे कागजात-
नोटिस और कड़ी कार्रवाई के डर से अब आडिट से शेष ग्राम पंचायतों में तैनात रहे सचिव खर्च के वाउचर तलाशने में जुट गए हैं। पुराना मामला होने से अब उनको भी दिक्कत आ रही है। एक ग्राम पंचायत के तो छह मामले आडिट में फंसे हुए हैं।
अब ऐसे मामलों में ग्राम पंचायतों में तैनात रहे सचिवों को मूल वेतन पर भेजने की चेतावनी दी गई है। मैनपुरी ब्लाक के एक सचिव को मूल वेतन पर भेजने का पत्र जारी किया जा रहा है।
- स्वामीदीन, जिला पंचायत राज अधिकारी।