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दूधिया रोशनी से जगमग गांव, शौचालयों की दरकार

ग्राम पंचायत सहन में 85 सोलर ऊर्जा समेत 111 लाइटें लगीं हैं। बुधवार और शनिवार को पैंठ से ग्रामीणों की उम्मीदें पूरी होती हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 04:35 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 04:35 AM (IST)
दूधिया रोशनी से जगमग गांव, शौचालयों की दरकार
दूधिया रोशनी से जगमग गांव, शौचालयों की दरकार

जासं, मैनपुरी: करहल ब्लाक का गांव सहन सूरज ढलने के बाद रोशनी से जगमग हो उठता है। इससे जुड़े अन्य गांव व मजरों में भी प्रकाश की बेहतर व्यवस्था है। सरकारी शिक्षा के इंतजाम बेहतर हैं और भवन भी साफ और स्वच्छ हैं। ग्राम पंचायत में घर-घर शौचालय देने के बाद भी स्वच्छता का काम अभी अधूरा है। करीब 20 फीसद ग्रामीण ऐसे हैं, जिनके यहां शौचालय नहीं हैं। ऐसे में इन लोगों को खुले में शौच को जाना पड़ता है।

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हर शाम करहल-किशनी मार्ग पर ग्राम पंचायत सहन सूरज अस्त होने के बाद सौर ऊर्जा की रोशनी से नहा उठती है। स्वतंत्रता सेनानियों के इस गांव में खूब विकास हुआ, लेकिन शौचालय का काम अभी बाकी है। ग्रामीण आज सुबह होते ही खेतों की ओर दौड़ते नजर आते हैं। गांव में साफ-सफाई ठीक है।

शिक्षा के पर्याप्त इंतजाम

गांव के आसपास भले ही कोई बड़ा कालेज नहीं हो, लेकिन प्राथमिक और जूनियर तक की शिक्षा के ग्राम पंचायत क्षेत्र में इंतजाम हैं। पंचायत में आधा दर्जन से ज्यादा बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालय संचालित हैं, तो एक राजकीय हाईस्कूल भी है।

कायाकल्प में बदला चेहरा

बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों का चेहरा कायाकल्प योजना के तहत बदल गया है। आधा दर्जन से अधिक स्कूलों के कमरों में टाइल्स लगे हैं।

जल संरक्षण की है व्यवस्था

ग्राम पंचायत क्षेत्र में आधा दर्जन से ज्यादा बड़े तालाब हैं। बारिश के अलावा गांव का पानी भी सहेजा जाता है। मनरेगा योजना से तालाबों की सफाई का काम भी होता है।

आजादी में योगदान

आजदी के लिए लड़ी गई लड़ाई में गांव का नाम दर्ज है। मचल सिंह चौहान, बाबू सिंह चौहान समेत एक दर्जन स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी के लिए आंदोलन में सहभागिता की थी।

हाट से पूरी होतीं जरूरतें

गांव में बुधवार और शनिवार को पैंठ लगती है, जहां से ग्रामीण रसोई और घर की जरूरतों को पूरा करते हैं। पोस्ट आफिस की सुविधा से जुड़ा गांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जरिये ग्रामीणों की सेहत का ख्याल रखता है।

खास बातें

आबादी- 10500

मतदाता- 5150

बेसिक स्कूल- 11

आंगनबाड़ी केंद्र - छह

ग्राम पंचायत में शामिल गांव-मजरे

सहन, घुसूपुर, टीकराहार, नगला पाय, हिदूपुर, पडरी, पालों, खेड़ा, नेहरी, कोंडर, लक्ष्मीपुर, सिहार। तालाब- आठ

आमने-सामने

गांव में काफी विकास कराया गया है। स्कूल-आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा बदली गई। सीसी और इंटरलाकिग कराई गई, कुछ काम और भी कराए गए। सभी को शौचालय दिए गए।

-अनीता देवी, निवर्तमान प्रधान। गांव में कोई खास काम नहीं हुआ है। तमाम ग्रमीणों को शौचालय का लाभ नही मिला। सभी मजरों में सफाई नहीं होती है। महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिला। विकास भी बेहतर नहीं हो सका, तमाम समस्याएं आज भी हैं।

- नीतू सिंह, विपक्षी प्रत्याशी।

ग्राम पंचायत क्षेत्र में तमाम ग्रमीण शौचालय की सुविधा से वंचित हैं। ऐसे में उनको मजबूरी में खेतों की ओर जाना पड़ता है।

-राजेश कुमार।

गांव में बेहतर विकास हुआ है। सफाई का इंतजाम भी ठीक है। सभी सुविधाएं गांव में मौजूद हैं, विकास काम पर संतोष है।

-सतीश यादव।

गांव में खेल का मैदान नहीं है, तो अन्य सुविधाओं की कमी है। वैसे, काम तो ठीक ही हुए हैं। विकास के मामले में सही है।

-प्रेम विकास। सफाई का मुकम्मल इंतजाम नहीं है। बड़ी पंचायत होने से मजरों में यह काम नियमित नहीं होता है। गंदगी भी रहती है।

-भूपेंद्र चौहान।


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