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सिमरऊ ग्राम पंचायत में आवागमन सुगम, पर अंधेरा से निजात की दरकार

गांव और मजरों की अधिकांश गलियां पक्की हैं। जिससे ग्रामीणों को आवागमन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है। वहीं पात्र ग्रमीणों के घरो शौचालय बने हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 05:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 05:30 AM (IST)
सिमरऊ ग्राम पंचायत में आवागमन सुगम, पर अंधेरा से निजात की दरकार
सिमरऊ ग्राम पंचायत में आवागमन सुगम, पर अंधेरा से निजात की दरकार

संसू, करहल, मैनपुरी: लगन और मेहनत से क्या कुछ नहीं हो सकता। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है ग्राम पंचायत सिमरऊ और उसके मजरों में। यहां की अधिकांश गलियां पक्की हैं, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है। वहीं पात्र ग्रमीणों के घरो शौचालय बने हुए हैं।

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शासन ने पांच साल विकास के लिए काफी धन दिया तो सिमरऊ गांव और उसके मजरों में विकास की किरण पहुंची। सिमरऊ में सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ तो पात्रों के घरों में 80 फीसद शौचालय बनवाए गए। मजरा कनकपुर में पक्की सीमेंट की नाली बनवाने के साथ सभी सड़कों को कंकरीट से बनवाया गया है। गांव सिमरऊ में भी कई सीसी सड़कें बनवाई गई हैं। यहां तालाबों को मनरेगा से सहेजने का काम भी हुआ है। गांव के इन तालाबों की हर साल सफाई भी होती है। वहीं, बजट का अभाव होने से गांव सिमरऊ में निर्माणाधीन पंचायत घर का काम अभी पूरा नहीं हो सका है। हालांकि ग्राम पंचायत क्षेत्र में अंधेरा दूर नहीं हो सका है। यहां गलियों में लाइट की दरकार है। अगर यह सुविधा और मिल जाए तो रात्रि में उजाला हो जाएगा।

एक नजर-

आबादी- 3350

मतदाता- 1270

प्राथमिक स्कूल- एक

जूनियर स्कूल- एक

आंगनबाड़ी केंद्र- दो ग्राम पंचायत में ये मजरे हैं शामिल

कनकपुर और नगला लोधी। ग्राम प्रधान ने गत प्रधानों की अपेक्षा सरकार से आए धन से विकास कार्य कराए हैं। हमारे गांव में कुछ मार्ग अभी कच्चे रह गए हैं।

-राहुल कुमार।

ग्राम प्रधान ने सबसे अच्छे विकास कार्य कनकपुर में करवाए हैं। गांव की सभी गलियां सीमेंट की बनवाने के साथ पक्की नाली भी बनवाई।

-शैलेंद्र। सोलर लाइट न लगने से बिजली जाने के बाद गांव अंधेरे में डूब जाता है। सोलर लाइट की व्यवस्था हो जाती तो विकास में चार चांद लग जाते।

-किशनलाल।

गांव में तालाबों की हालत खराब थी। पानी दुर्गंधयुक्त हो गया था। प्रधान ने तालाब की सफाई कराके अच्छा काम किया।

-भूप सिंह। आमने-सामने

पांच साल विकास को शासन ने धन दिया तो ग्राम पंचायत में जमकर विकास कराया। निजी शौचालय बनवाए गए तो पात्रों को आवास का लाभ दिलाया। आज गांव और मजरे की गलियां पक्की हो गई हैं।

-ताहर सिंह यादव, निवर्तमान प्रधान।

विकास के नाम पर खूब खेल किया गया। दूसरों के काम अपने बनाए गए। मजरों में आज भी हालात खराब हैं, गलियां कच्ची रह गई हैं। तमाम पात्र ग्रामीण शौचालय से वंचित रह गए हैं। आवास का लाभ सही से नहीं मिला है। -अरविद कुमार लोधी, रनर प्रत्याशी।


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