सावधान! कहीं आप संक्रमण तो नहीं ले जा रहे
वैक्सीनेशन के दौरान नहीं हो रहा कोविड प्रोटोकाल का पालन केंद्रों पर उमड़ रही भीड़ बढ़ा सकती है संक्रमण
दृश्य एक : जिला अस्पताल का जीरियाटिक वार्ड में वैक्सीनेशन केंद्र है। यहां सर्वाधिक भीड़ उमड़ती है, लेकिन नियम ताक पर हैं। लोगों के बीच शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। वैक्सीनेटर और वैरीफायर दोनों एक ही कक्ष में बैठते हैं। इसकी वजह से लोगों की भीड़ एक ही कमरे में जुटती है। कई तो बिना मास्क के भी यहां पहुंचते हैं। कोई जांच नहीं कराई जा रही है।
दृश्य दो :100 शैया अस्पताल के पीछे बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी यूनिट को भी केंद्र बनाया गया है। यहां 18 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन इंतजाम यहां भी धड़ाम हैं। आवेदकों की न तो थर्मल स्क्रीनिग हो रही है और न ही आवेदकों को वैक्सीन लगाने के बाद आधा घंटा तक रोका जा रहा है। मनमानी रोकने के कोई प्रबंध नहीं हैं। जासं, मैनपुरी: कोरोना से सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन तो कराया जा रहा है, लेकिन कोविड प्रोटोकाल के पालन को लेकर कोई गंभीर नहीं है। शहर के ज्यादातर केंद्रों पर वैक्सीनेशन के लिए पहुंची भीड़ के बीच शारीरिक दूरी नहीं दिखती। केंद्र के अंदर जाने से पहले किसी भी व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिग नहीं कराई जा रही है, जिससे उसके शरीर के तापमान की जानकारी हो सके। यह स्थिति चिताजनक हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों का कहना है कि यदि इस भीड़ में कोई भी एक संक्रमित हुआ तो वह अपने आसपास लाइन में लगे कई लोगों को कोरोना का संक्रमण दे सकता है।
तुरंत नहीं बनती एंटीबाडी: लोगों के दिमाग में है कि वैक्सीन लगवाने के बाद वो पूरी तरह से सुरक्षित हो चुके हैं। डा. राज विक्रम का कहना है कि वैक्सीन भी अपना असर समय पर ही दिखाती है। वैक्सीन लगने के लगभग 10 से 15 दिन के बाद एंटीबाडी बनने की प्रक्रिया आरंभ होती है। यदि इस बीच व्यक्ति संक्रमित होते हैं या संक्रमण के संपर्क में आते हैं तो उनके बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। जरूरी है कि कोविड प्रोटोकाल का पालन करें।
ये है कोविड प्रोटोकाल: शासन द्वारा लागू किए गए प्रोटोकाल के अनुसार केंद्रों पर लोगों के बीच शारीरिक दूरी अनिवार्य है। प्रवेश से पहले गेट पर थर्मल स्क्रीनिग कराए जाने का नियम है। इसके बाद एक टीम आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के तहत वैरीफाइ कर वैक्सीनेशन के लिए अलग बनाए गए कक्ष में भेजेगी। यहां भीड़ नहीं लगाई जा सकती। एक-एक करके ही वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीन लगाने के बाद संबंधित को आधा घंटा तक ही मानीटरिग रूम में बैठाया जाएगा। इससे पहले लोगों को कमरे में बैठाने के लिए भी पर्याप्त संख्या में कुर्सियों के प्रबंध कराए जाएं। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस की व्यवस्था होगी।
एक व्यक्ति 10 को कर सकता है संक्रमित: एपिडेमियोलाजिस्ट डा. अनिल यादव का कहना है कि कोरोना का एक मरीज अपने संपर्क में आने वाले 10 अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि मास्क का इस्तेमाल करें और आपस में शारीरिक दूरी बनाकर रखें।
लोगों से अपील है कि वे केंद्रों पर भीड़ न लगाएं। कोरोना का संक्रमण अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। वैक्सीनेशन से संबंधित नियमों का पालन करें। सभी चिकित्सा अधीक्षकों व केंद्र प्रभारियों को भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने केंद्रों की स्वयं मानीटरिग कर व्यवस्था बनाएं। डा. पीपी सिंह, सीएमओ