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62 साल पुराने पशु अस्पताल की जमीन पर कब्जा

मैनपुरी जासं 62 साल पहले बनाए गए पशु चिकित्सालय भवन की जमीन पर कब्जा हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 05:34 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:34 AM (IST)
62 साल पुराने पशु अस्पताल की जमीन पर कब्जा
62 साल पुराने पशु अस्पताल की जमीन पर कब्जा

मैनपुरी, जासं: 62 साल पहले बनाए गए पशु चिकित्सालय भवन की जमीन पर कब्जा हो रहा है। पशु चिकित्सक, लेखपाल और कानूनगो रकम लेकर अवैध कब्जा कराने में जुटे हैं। ग्रामीणों ने ऐसे आरोप लगाते हुए सीएम और डीएम से पशु अस्पताल की जमीन को बचाने की गुहार लगाई है।

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भोगांव तहसील की ग्राम पंचायत जमथरी के मौजा नगला बिहारी में पशुओं के इलाज के लिए 1958 में पशु चिकित्सालय बनवाया गया था। अस्पताल का संचालन होने से पशुओं के इलाज को आसानी हुई तो आसपास पशुओं की संख्या भी बढ़ गई। गांव के रामदास, राजेंद्र सिंह, सूबेदार और पूर्व प्रधान लेखपाल, पूर्व प्रधान गोवर्धन शाक्य, रनवीर सिंह पाल आदि ने सीएम और डीएम को भेजे पत्र में कहा है कि गांव का पशु चिकित्सालय दो कमरों और एक बरामदे में संचालित हो रहा है। पड़ोस के गांव अहिरवा के मजरा नगला दीपा के निवासी शंभूदयाल, विमलेश यादव और अनीता देवी, राहुल यादव ने क्षेत्रीय लेखपाल प्रदीप सक्सेना और कानूनगो रामस्वरुप यादव को मोटी रकम देकर पुलिस मौजूदगी में अस्पताल की जमीन को नपवा लिया है।

ग्रामीणों का आरोप था कि पशु चिकित्सक भी जमीन कब्जाने वालों से रकम लेकर शांत बैठ गया है, जबकि अस्पताल निर्माण के लिए नींव भी खुदी है, लेकिन पशु चिकित्सक ने काम रोक दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल निर्माण नहीं कराने की जानकारी पशु चिकित्सक ने विभागीय अधिकारियों को भी नहीं दी है। जमीन को कब्जाने में लगे दबंगों ने निर्माण सामग्री मौके पर जमा कर ली है। अब यह लोग अस्पताल का निर्माण तोड़कर खुद का काम कराने की कोशिश में है।

ग्रामीणों का कहना था कि बरेली मार्ग पर यह जमीन महंगी होने से भूमाफिया की निगाह में चढ़ी हुई है। इस पर यह लोग अब मकान बनाने के फेर में है। मामले में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. पीके शर्मा का कहना था कि प्रकरण संज्ञान में नहीं है। जानकारी कर जमीन पर कब्जा रुकवाया जाएगा।

वहीं, एसडीएम सुधीर कुमार सोनी का कहना था कि भवन किसी और की जमीन में बना था, अब दूसरी जमीन पर बन रहा है। वह खुद भी मौका देख आए हैं।


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