प्रसूता को घर छोड़ने के बजाय वापस सीएचसी ले गया चालक
घर से एक किलोमीटर पहले ही उतार रहा था एंबुलेंस चालक न उतरने पर लौटा लाया मना करने पर भी नहीं माना आज अधिकारियों से शिकायत करेंगे परिजन।
किशनी, संवादसूत्र। सरकारी एंबुलेंस के चालकों की मनमानी प्रसूताओं पर भारी पड़ रही है। दो दिन पूर्व एंबुलेंस के खराब होने पर गर्भवती महिला को दर्द से कराहना पड़ गया। अस्पताल की दूरी खराबी वाले स्थल से ज्यादा न होने के चलते महिला की जान बच गई, अन्यथा उसके साथ अनहोनी हो सकती थी। इस घटना को महज दो दिन ही हुए कि एंबुलेंस चालक की मनमानी से एक प्रसूता की जान खतरे में पड़ गई होती। चालक प्रसूता को घर छोड़ने के बजाय एक किलोमीटर दूर ही उतारने लगा। मना करने पर वह प्रसूता को वापस सीएचसी ले आया। इस दौरान प्रसूता ने उससे काफी मिन्नतें की, लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा।
शनिवार दोपहर करीब तीन बजे प्रसव पीड़ा होने पर मरियार निवासी रोशनी शाक्य पत्नी अमन कुमार को सीएचसी पर भर्ती कराया गया। डेढ़ घंटे बाद साढ़े चार बजे रोशनी ने बेटी को जन्म दिया। परिजनों के अनुसार, शाम साढ़े छह बजे आशा कार्यकर्ता नीरज ने प्रसूता और नवजात को गांव मरियार ले जाने के लिए एंबुलेंस को कॉल किया। हॉस्पिटल की 102 एंबुलेंस न होने के कारण शाम सात बजे प्रसूता और नवजात को 108 एंबुलेंस यूपी-32 ईजी-0228 से गांव मरियार छोड़ने भेजा गया।
आरोप है गांव से करीब एक किलोमीटर दूर नैगवां तिराहे पर चालक योगेंद्र यादव ने एंबुलेंस रोक ली और प्रसूता से नवजात को लेकर उतरने के लिए कहा। महिला ने घर दूर होने तथा पैदल चलने में असमर्थता जताते हुए चालक से घर छोड़ने का आग्रह किया, लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। रोशनी ने पति अमन को मामले से अवगत कराते हुए दूसरे वाहन का इंतजाम करने को कहा। अमन वाहन का इंतजाम करने लगा, लेकिन चालक एंबुलेंस को वापस सीएचसी भगा लाया। रोशनी ने फिर अपने पति को यह बताया तो उसने चालक से समान कटरा पर रुकने के लिए कहा, ताकि वह दूसरे वाहन से पत्नी को घर ले जाए, लेकिन वह नहीं माना। चालक एंबुलेंस और प्रसूता को वापस सीएचसी ले आया।
चालक की मनमानी के चलते अमन रात करीब साढ़े दस बजे अपनी पत्नी और नवजात को प्राइवेट वाहन से अपने घर ले गया। अमन ने आरोप लगाया कि गांव का रास्ता एंबुलेंस पहुंचने लायक है, पर चालक ने मनमानी की है। वह सोमवार को इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से करेंगे। पीएचसी गेट पर खराब हो गई थी एंबुलेंस
सरकारी एंबुलेंस कब खराब हो जाएं पता नहीं। दूसरी ओर इनके चालक भी मनमानी कर रहे हैं। दो दिन पूर्व गांव हिरौली निवासी दयावती को प्रसव पीड़ा होने पर पीएचसी कुसमरा तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस को फोन किया। एंबुलेंस पहुंची और गांव से प्रसूता को अस्पताल ला रही थी। अस्पताल के गेट पर ही एंबुलेंस पर ही बंद हो गई। गनीमत रही कि अस्पताल की दूरी खराब होने वाले स्थल से अधिक दूर नहीं थी, अन्यथा प्रसूता को काफी परेशानी उठानी पड़ती।