अपनाएं जैविक खेती, संवरेगी खेतों की सेहत
80 न्याय पंचायतों में किसान पाठशाला का सोमवार को शुभारंभ हुआ। किसानों को मिट्टी परीक्षण के फायदे बताए। साथ ही जीरो बजट खेती की महत्ता बताई।
जासं, मैनपुरी: सोमवार को जिले की सभी 80 न्याय पंचायतों के गांवों में द मिलियन फारमर्स स्कूल (किसान पाठशाला) का आयोजन हुआ। कृषि विज्ञानियों ने किसानों को मिट्टी की जांच कराने और उससे होने वाले फायदे समझाए तो जैविक खेती अपनाने की सलाह दी।
किसान पाठशाला में शामिल कृषि विभाग के अलावा उद्यान और दूसरे विभाग के अधिकारियों व कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों ने किसानों को जैविक खेती से होने वाले फायदे समझाए। जीरो बजट खेती की तरकीब बताई तो यौगिक खेती और स्वत: खेती की प्रेरणा दी। पाठशालाओं के दौरान विज्ञानियों ने किसानों की सवालों का समाधान करके बेहतर उत्पादन करने और खेती संवारने की तरकीब समझाई।
जागीर ब्लाक के गांव चौहानपुर में हुई किसान पाठशाला में कृषि विज्ञान केंद्र के मृदा विज्ञानी डा. जगदीश मिश्रा ने किसानों को मिट्टी की जांच को जरूरी बताते हुए कहा कि इससे जमीन की सेहत संवारी जाती है। मृदा विज्ञानी ने पाठशाला में मौजूद पुरुष और महिला किसानों को केंचुआ खाद, नडेप खाद और जैविक खाद बनाने की विधि और इससे खेती को होने वाले फायदे बताते हुए जांच को मिट्टी का नमूना लेने की विधि भी समझाई।
जिला कृषि अधिकारी डा. गगनदीप सिंह ने किसानों को परंपरागत खेती के बजाय जैविक खेती से जुड़ने की बात समझाई। उन्होंने ऐसी खेती को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि अब जैविक खेती में पैदा सब्जी और फसल को बेहतर दाम मिल रहे हैं। नकदी खेती करके किसान रोज-रोज घर में पैदा होने वाली आर्थिक समस्याओं को पूरा कर सकते हैं। पाली हाउस तकनीकी से तो समय से पहले ही खेती में फसल पैदाकर चार गुना तक लाभ कमाया जा सकता है।